मध्यप्रदेश के गुना जिले से एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर आमजन तक को हैरान कर दिया है. गुना की करोद पंचायत की महिला सरपंच ने अपने निजी काम और चुनाव लड़ने के लिए पति की ओर से लिए गए 20 लाख रुपए के कर्ज को चुकाने के लिए एक अजीबो गरीब फैसला ले डाला. सरपंच ने नियमों को ताक पर रखकर एक दबंग पंच को ही पूरी पंचायत ठेके पर सौंप दिया.
गुना जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है. यहां करोद पंचायत की महिला सरपंच लक्ष्मी बाई ने अपनी पंचायत को ही गिरवी रख दिया. लक्ष्मी बाई ने 20 लाख रुपए रुपए चुकाने के एवज में पंचायत के ही पंच रणवीर कुशवाह को 20 लाख की भरपाई के लिए पूरी पंचायत के संचालन का ठेका दे दिया गया. मामले में हैरान करने वाला पहलू तब सामने आया जब सरपंच और पंच के बीच हुई इस पूरी डील का बाकायदा कांट्रेक्टर लेटर बनवाया गया.
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इसमें साफ तौर पर लिखा गया कि पंचायत को एग्रीमेंट के तहत चलाया जाएगा और पंचायत के कामकाज से होने वाली आमदनी का 5 प्रतिशत कमीशन सरपंच को दिया जाएगा. इस तरह सरपंच ने पूरी पंचायत को अपने पति का 20 लाख रुपए का कर्ज चुकाने के लिए रणवीर कुशवाह को ठेके पर दे दिया गया. महिला सरपंच के कारनामे का यह मामला जैसे ही प्रशासन के संज्ञान में आया, तो तुरंत जांच के आदेश दिए गए.
प्रशासन ने सरपंच को पद से हटाया
जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर कैंट थाना पुलिस ने पंच रणवीर कुशवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और सरपंच लक्ष्मी बाई को पद से हटा दिया गया. प्रशासन अब इस मामले में गहनता से तरह से जांच कर रहा है और अन्य जिम्मेदारों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है. गुना जिले में हुई यह घटना पूरे प्रदेश में पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है. इस मामले ने न केवल ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर किया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं का संचालन कैसे निजी हितों की भेंट चढ़रहा है.