केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कैब सेवा प्रदाता उबर को ‘एडवांस टिप’ देने की नीति को लेकर नोटिस जारी किया है. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को इस प्रथा को “अनैतिक” और “शोषणकारी” बताते हुए कहा कि तेज सेवा के लिए यात्रियों को एडवांस टिप देने के लिए प्रेरित करना अनुचित व्यापार प्रथा के दायरे में आता है.
जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा, ‘एडवांस टिप’ का चलन अत्यंत चिंताजनक है. तेज सेवा पाने के लिए उपयोगकर्ताओं को पहले से टिप देने के लिए मजबूर करना या उकसाना एक तरह का उपभोक्ता शोषण है. टिप सेवा के बाद सराहना का प्रतीक हो सकती है, लेकिन यह अधिकार नहीं बनती
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत मिलने पर उन्होंने CCPA को जांच के निर्देश दिए थे. जांच के बाद उबर को नोटिस जारी कर इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखना जरूरी है.
क्या है एडवांस टिप का मामला?
उबर ऐप पर कैब बुक करते समय यूजर्स को तेज पिकअप और ड्राइवर द्वारा सवारी स्वीकारने की अधिक संभावना के नाम पर ₹50, ₹75 या ₹100 की एडवांस टिप देने का विकल्प मिलता है. ऐप पर लिखा होता है: तेजी से पिकअप के लिए टिप जोड़ें. यदि आप टिप जोड़ते हैं तो ड्राइवर द्वारा इस सवारी को स्वीकार करने की अधिक संभावना हो सकती है.
यह भी उल्लेख किया गया है कि पूरी राशि सीधे ड्राइवर को दी जाएगी और एक बार टिप जोड़ने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता.
इससे पहले किराया को लेकर दिया था नोटिस
पहले भी दिए गए हैं नोटिस इससे पहले जनवरी 2025 में भी CCPA ने उबर और ओला को नोटिस जारी किया था. उस समय आरोप था कि ये कंपनियां उपभोक्ताओं के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (Android या iOS) के आधार पर किराया तय कर रही हैं. मंत्री जोशी ने उस समय भी कहा था कि ऐसा मूल्य निर्धारण स्पष्ट भेदभाव का मामला है.
हालांकि, उबर और ओला दोनों ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उनका मूल्य निर्धारण फोन मॉडल या ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित नहीं है।
CCPA के ताजा नोटिस पर अब तक उबर की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सरकार की ओर से यह स्पष्ट संकेत है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स द्वारा उपभोक्ताओं के साथ किसी भी प्रकार की मनमानी या शोषण को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.