अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपना दावा एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को व्यापार के माध्यम से सुलझाया. ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ बैठक के दौरान ओवल ऑफिस में कहा कि अगर आप देखें कि हमने पाकिस्तान और भारत के साथ क्या किया. हमने उस पूरे मामले को सुलझा दिया है, और मुझे लगता है कि मैंने इसे व्यापार के माध्यम से सुलझाया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव
ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ बेहतरीन लोग और कुछ वाकई अच्छे और महान नेता हैं, लेकिन भारत उनका दोस्त है. इस पर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने जवाब दिया, मोदी, साझा दोस्त हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की.
श्रेय लेने की होड़ में ट्रंप
बता दें, यह पहली बार नहीं है कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर कराने को लेकर श्रेय लिया हो. इससे पहले तनाव के बीच उन्होंने भारत-पाकिस्तान के आधिकारिक घोषणा से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव को शांति से सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है.
पूर्व यूएस एनएसए ने कसा तंज
इससे पहले अमेरिका के पूर्व एनएसए ने राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर तंज कसा. बोल्टन ने कहा कि ट्रंप को श्रेय लेने की आदत है. यह भारत के लिए व्यक्तिगत नहीं है. उन्होंने कहा कि ट्रंप हर चीज का श्रेय लेते हैं. मुझे लगता है कि उन्होंने पीएम मोदी के साथ बातचीत की थी.
उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह ठीक वैसा जैसा होगा, जैसे अन्य देश भी यह देखने के लिए कॉल कर रहे हैं कि वे क्या कर सकते हैं. ट्रंप की खासियत है, वह हर किसी के श्रेय लेने से पहले ही कूद पड़ते हैं. यह परेशान करने वाला हो सकता है. लेकिन यह भारत के खिलाफ कुछ नहीं है. यह सिर्फ ट्रंप का ट्रंप होना है.
भारत-पाकिस्तान तनाव
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहुलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया. दोनों देशों के बीच चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल हमले हुए. 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमति जताई. उसी दिन ट्रंप ने एलान किया कि अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ.