पहलगाम हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों की रीढ़ तोड़ दी. दोनों ओर से की गई सैन्य कार्रवाइयों पर पूरी दुनिया की नजर थी. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक ही भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान कर दिया, जिस पर विवाद भी हुआ. अब विदेश मंत्री जयशंकर ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्री जयशंकर इस समय यूरोप के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने डच के सरकारी चैनल NOS को दिए इंटरव्यू में पहली बार पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष और सीजफायर पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका ये समझता है कि भारत एक बहुत ही स्वतंत्र देश है, जो भारत के हितों के आधार पर फैसले लेगा.
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में एक क्लियर मैसेज था कि अगर 22 अप्रैल जैसा हमला होगा तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. हम आतंकियों को नहीं छोड़ेंगे. अगर आतंकी पाकिस्तान में हैं तो वे जहां भी होंगे, हम उन्हें नहीं बख्शेंगे. इस ऑपरेशन में एक संदेश था. फिलहाल सहमति से सीजफायर है.
यह पूछने पर कि क्या यह ऑपरेशन एक डोरमेट था. इस पर जयशंकर ने कहा कि आप इसे चाहे कोई भी शब्द दे दें लेकिन मैं आपको बता दूं कि इससे स्पष्ट संदेश गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 निहत्थे, निर्दोष लोगों की उनके परिवार वालों के सामने हत्या की गई. ये हमला टूरिज्म को नुकसान पहुंचाने के लिए भी किया गया और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए भी.
जयशंकर ने कहा कि आपको मौजूदा स्थिति समझने के लिए पाकिस्तान नेतृत्व, विशेष रूप से पाकिस्तान के आर्मी चीफ को देखना होगा जो धार्मिक आधार पर फैसले लेते हैं. अमेरिका के साथ ट्रेड से जुड़े सवाल पर जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ ट्रेड को लेकर हमारी बातचीत जारी है. अभी चर्चा जारी है तो हमें इंतजार करना होगा.
मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का लगातार क्रेडिट ले रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ट्रेड वार्ता के जरिए दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, भारत ने ट्रंप के इन दावों को पहले ही सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित कोई भी मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से ही हल किया जाएगा.
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते रसातल तक पहुंचे हैं. भारत सरकार ने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार ठहराया है. 7 मई को सरकार ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया, जिसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष को और बढ़ा दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों में ड्रोन और मिसाइलों से सैन्य और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया है. लेकिन 10 मई को अचानक सीजफायर का ऐलान कर दिया गया.