42 लाख की ठगी:कियोस्क संचालक ने KYC के नाम पर फिंगरप्रिंट लिए, खाते से पैसे निकालकर भागा; उड़ीसा से पकड़ाया

जशपुर जिले में कियोस्क संचालक ने बैंक खाताधारकों से 42 लाख की ठगी की है। आरोपी संदीप यादव (30) भारतीय स्टेट बैंक और आईसेक्ट लिमिटेड के संयुक्त ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक था। आरोपी ने KYC अपडेट के बहाने 59 ग्राहकों के फिंगरप्रिंट लिए।

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बायोमेट्रिक डिवाइस का दुरुपयोग कर उनके खातों से पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। शुरुआती जांच में 10.79 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। कुल राशि 42 लाख रुपए तक पहुंचने की आशंका है। मामला कुनकुरी थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने आरोपी को उड़ीसा के झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है।

59 खाताधारकों के साथ धोखाधड़ी

आईसेक्ट लिमिटेड के अधिकारी आशीष भदौरिया ने 6 जनवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि आरोपी ने 59 खाताधारकों के साथ धोखाधड़ी की। पीड़ितों में सुमित्रा बाई, शशिलता एक्का, प्रमिला बाई समेत कई ग्रामीण शामिल हैं।

ट्रेन से भागने की फिराक में था आरोपी

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सोनी के मुताबिक, आरोपी पहले बैंगलोर में था। वहां से ट्रेन में भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने टीटीई की मदद से उसे झारसुगुड़ा स्टेशन पर पकड़ा। आरोपी से दो लैपटॉप, बायोमेट्रिक डिवाइस, बैंक दस्तावेज, मोबाइल फोन और 10,500 रुपए नगद बरामद हुए हैं।

आरोपी के खिलाफ कई मामले दर्ज

पुलिस ने ऑपरेशन ‘अंकुश’ के तहत ये कार्रवाई की है। आरोपी के खिलाफ थाना कुनकुरी में BNS की धारा 316(5), 318(4) तथा IPC की धारा 420, 408 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।

पुलिस से बचने के लिए लोकेशन बदल रहा था

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि आरोपी बहुत शातिर है और लगातार स्थान बदलते हुए पुलिस से बच रहा था। टेक्निकल ट्रैकिंग व सतर्क टीम की बदौलत उसे पकड़ा गया है। विवेचना जारी है, और अभी और भी पीड़ित सामने आ रहे हैं। ठगी की कुल राशि और बढ़ सकती है।

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