‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शामिल लेडी ऑफिसर देश के लिए करती रहेंगी सेवा, SC ने दिया ये आदेश…

भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शामिल महिला अधिकारी को सेवा से मुक्त करने के निर्देश जारी हुए हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस बाबत केंद्र सरकार और भारतीय वायुसेना से जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत ने भारतीय वायुसेना को एक पेशेवर बल बताया और कहा कि सेवा में अनिश्चितता ऐसे अधिकारियों के लिए अच्छी बात नहीं है. महिला ऑफिसर ‘ऑपरेशन बालाकोट’ का भी हिस्सा थीं.

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जज एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने विंग कमांडर की याचिका पर केंद्र और भारतीय वायुसेना से जवाब मांगा है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘हमारी वायुसेना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संगठनों में से एक है. अधिकारी बहुत सराहनीय हैं. उन्होंने जिस तरह का समन्वय दिखाया है, वह बेमिसाल है. इसलिए हम हमेशा उन्हें सलाम करते हैं. वे देश के लिए बहुत बड़ी संपत्ति हैं. एक अर्थ में वे ही राष्ट्र हैं. उनकी वजह से ही हम रात को सो पाते हैं.’

स्थायी कमीशन नहीं मिलने पर किया SC का रूख

सुप्रीम कोर्ट की पीठ विंग कमांडर निकिता पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने स्थायी कमीशन न दिए जाने को भेदभावपूर्ण बताया है. पीठ ने कहा कि ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ (SSC) अधिकारियों के लिए कठिन जीवन उनकी भर्ती के बाद से शुरू हो गया था, जिसमें उन्हें स्थायी कमीशन देने के लिए 10 या 15 साल बाद कुछ प्रोत्साहन देने की बात कही गई थी.’

जस्टिस कांत ने कहा, ‘अनिश्चितता की यह भावना सशस्त्र बलों के लिए अच्छी नहीं हो सकती. यह आम आदमी का एक सुझाव है, क्योंकि हम विशेषज्ञ नहीं हैं. न्यूनतम मानदंडों पर कोई समझौता नहीं हो सकता.’ पीठ ने केंद्र और भारतीय वायुसेना की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से अधिकारी को स्थायी कमीशन न देने का कारण पूछा.

अगले आदेश तक सेवा से मुक्त न करने का आदेश

भाटी ने बताया कि वह स्वयं सशस्त्र बलों की पृष्ठभूमि से हैं, इसलिए वे ऐसे अधिकारियों की स्थिति से परिचित हैं. लेकिन उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को चयन बोर्ड द्वारा अयोग्य पाया गया था. उन्होंने कहा कि अधिकारी ने कोई प्रतिवेदन दाखिल किए बिना सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पीठ को सूचित किया कि दूसरा चयन बोर्ड उनके मामले पर विचार करेगा.

पीठ ने एसीजी की दलील सुनने के बाद विंग कमांडर निकिता पांडे को अगले आदेश तक सेवा से मुक्त न करने का आदेश दिया है. साथ ही सुनवाई 6 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है. विंग कमांडर निकिता पांडे एक विशेषज्ञ लड़ाकू नियंत्रक हैं, जिसने एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (IACCS) में एक विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया था. उन्हें हाल में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए तैनात किया गया था.

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