मैं चाहूं तो भी ज्योति का केस नहीं लड़ पाऊंगा…’ आंखों में आंसू लिए पिता का छलका दर्द, बताई वजह 

अगर मैं चाहूं तो भी अपनी बेटी का केस नहीं लड़ पाऊंगा…’ यह शब्द हैं उस पिता के, जिसकी बेटी पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने जैसे संगीन आरोप लगे हैं. जी हां, ज्योति मल्होत्रा के पिता हरीश ने मीडिया से बातचीत में अपना दर्द बयां किया है.

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हरीश मल्होत्रा कहते हैं कि मेरी बड़ी पीड़ा ये है कि वह अपनी बेटी के पक्ष में कोर्ट में लड़ाई नहीं लड़ सकते, क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि किसी अच्छे वकील को कर सकूं. मैं चाहूं भी तो केस नहीं लड़ पाऊंगा. यह  कहते हुए उनकी आंखें भर आती हैं. हरीश बताते हैं कि ज्योति की गिरफ्तारी के बाद से अब तक न तो वह अपनी बेटी से मिल पाए हैं और न ही बात कर सके हैं. उनका कहना है कि पुलिस उनके घर से जो भी सामान अपने साथ ले गई उसमें से कुछ भी वापस नहीं मिला है. ज्योति अपने साथ जी डायरी रखती थी उसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. वह बताते हैं कि पिछले ढाई साल से वह अपनी वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करती आ रही थी.

मीडिया ने जब उनसे पूछा गया कि अगर ज्योति ने गलती की है तो क्या उसे सजा मिलनी चाहिए, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि गलती की है तो सजा तो मिलेगी ही. मेरे कहने से क्या फर्क पड़ेगा? उन्होंने कहा कि उन्हें कभी यह आभास नहीं हुआ कि उनकी बेटी कुछ गलत कर रही है या किसी संदिग्ध संगत में है. हरीश मल्होत्रा ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी के यूट्यूब चैनल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी.

उनका कंहना है कि  मेरे पास तो एक छोटा सा फोन है, जिसमें न फोटो खुलते हैं, न वीडियो. मुझे किसी ने बताया भी नहीं. पिता ने बताया कि ज्योति लॉकडाउन से पहले प्राइवेट नौकरी के लिए दिल्ली गई थी लेकिन महामारी के बाद घर लौट आई थी.हरीश मल्होत्रा ने बताया कि ज्योति हमेशा उनका देखभाल करती थी, लेकिन गिरफ्तारी के बाद से उन्हें पुलिस से कोई सूचना नहीं मिली. हरीश का कहना था कि पुलिस न तो घर आई, न ही थाने बुलाया. मुझसे कोई बात नहीं की गई. अपनी व्यथा साझा करते हुए अंत में उन्होंने कहा कि मैं क्या कहूं… जो होगा, ठीक ही होगा.

एक दो दिन में आएगी रिपोर्ट

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि कांफ्लिक्ट के समय भी ज्योति PIO (पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव) के संपर्क में बनी हुई थी, पुलिस ने ज्योति से जब्त तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. एक से दो दिन के भीतर रिपोर्ट आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अगली रिमांड में ज्योति से प्रत्यक्ष आमना-सामना कराएगी. ज्योति को अब चार दिन और अदालती रिमांड पर भेजा गया है. इस दौरान पुलिस का पूरा ध्यान फॉरेंसिक साक्ष्यों और डिजिटल गतिविधियों के आधार पर पूछताछ पर रहेगा. पुलिस का दावा है कि ज्योति को जिन किरदारों और संपर्कों की जानकारी थी, वह सबकुछ जानते हुए भी PIO के संपर्क में बनी रही.

कई राज्यों की पुलिस ने किया संपर्क

सूत्रों के अनुसार, जिन-जिन राज्यों में ज्योति गई थी, वहां की पुलिस ने हिसार पुलिस से संपर्क साधा है. जरूरत पड़ने पर अन्य राज्यों में भी पूछताछ की जा सकती है. कल पेश किए गए रिमांड पेपर में भी पुलिस ने बहुत सीमित जानकारियां दर्ज की हैं. सूत्रों का मानना है कि पुलिस जांच की गोपनीयता बनाए रखना चाहती है, इसलिए अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई ठोस बयान नहीं दिया गया है.

 

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