श्योपुर : शहर की रात्रि गस्त व्यवस्था में कुछ शराबी पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है जो रात भर शराब के नशे में धुत्त रहते हैं और चोर-उचक्कों पर नजर रखने की बजाए शहर के आम लोगों को परेशान कर रहे हैं, ऐसा ही वाक्या बीते मंगलवार-वुधवार की दरमियानी रात देखा गया जहां रात्रि गस्त पर ड्यूटी कर रहे दो पुलिस कर्मियों में से एक शराब के नशे में धुत्त था.
दूसरे ने शराब तो नहीं पी हुई थी लेकिन, वह भी नशे में धुत्त पुलिस कर्मी के साथ कार आदि गाड़ियों को रोककर पूंछताछ के नाम पर परेशान कर रहा था। हैरान कर देने बाली बात यह रही कि, एक कार सवार को इन पुलिस कर्मियों ने सिर्फ इसलिए डेढ़ घंटे तक रोककर परेशान किया कि, कार के कागजात उसके नाम नहीं हुए थे, कार सवार ने गाड़ी की आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस और एग्रीमेंट लेटर तक चेकिंग कर रहे पुलिस कर्मियों को दिखाया इसके बाद भी वह उसे बर्दी का रौब दिखाकर परेशान करते रहे.
बाद में मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद भी इन पुलिस कर्मियों का रौब कम नहीं हुआ बल्कि, कागजात होने के बाद भी वह कार को जबरन थाने ले जाने के लिए कहने लगे, बाद में कोतवाली टीआई से फोन पर बात कराने के बाद मामला शांत हो सका, शनिवार को अब मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मामला श्योपुर शहर के मुख्य बाजार के चौराहे का है जहां हैड कॉस्टेबल दीपेश कुमार और कॉस्टेबल महेश कुमार की ड्यूटी रात्रि गस्त में लगाई गई थी, अपना नाम महेश कुमार बताने बाला पुलिस कर्मी शराब के नशे में था, आसपास खड़े लोगों को शराब की स्मेंल आ रही थी, उनके कदम और आवाज भी लड़ खड़ा रही थी, हैड कॉस्टेबल दीपेश कुमार शराब नहीं पीए हुए थे लेकिन, वह नशे में धुत्त आरक्षक महेश कुमार के साथ मिलकर श्योपुर के इमाम बाड़ा निवासी नईम खान को बे-वजह परेशान कर रहे थे.
वह भी तब जब कार सवार ने कार की आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस पुलिस बालों को दिखा दिया, कार का एग्रीमेंट लेटर भी दिखा दिया कि, कार इस शख्स ने किसी दूसरे व्यक्ति से खरीदी है, फिर भी पुलिस बाले श्योपुर के नंबर बाली ऑल्टो कार को जो शहर के बाहर नहीं बल्कि, शहर के अंदर जा रही थी, उसे यह कहकर रोककर डेढ़ घंटे तक परेशान करते रहे कि, कार का एग्रीमेंट करालिया लेकिन, कार को अपने नाम क्यों नहीं कराया, नईम खान की मानें तो पुलिस बाले उससे शराब के लिए रुपये मांग रहे थे.
सिर्फ इस वजह से उसे डेढ़ घंटे तक परेशान किया गया, वायरल हुए वीडियो में पुलिस कर्मियों की सारी करतूत रिकार्ड है, पुलिस कर्मी खुद अपने मुंह से कह रहे हैं कि, गाडी के कागज, लाइसेंस है लेकिन, डेढ़ साल पहले ऐग्रीमेंट कराने के बाद भी गाड़ी इसने नाम क्यों नहीं कराई है, पुलिस बाले शायद यह भूल गए थे कि, गाड़ी नाम कराना न कराना गाड़ी बेचने और खरीदने वालो की समस्या थी.
इससे उन्हें कोई लेना-देना तक नहीं था क्योंकि, गाड़ी को तो ड्रायवर भी चलाते हैं लेकिन, पुलिस बाले शराब और बर्दी के नशे में चूर थे, यह पुलिस बाले यह तक भूल गए कि, वहां वाहन चैकिंग पॉइंट नहीं लगा था और गाड़ी के कागजात चैक करना, गाड़ी को तप्त करना, गाड़ी पर जुर्माना लगाने का अधिकार कमसे कम एएसआई स्तर के अधिकारी का होता है और चेकिंग पॉइंट लगाने से पहले रोजनामचा रिपोर्ट भी डाली जाती है लेकिन, यह दोनों पुलिस बाले शायद कानून और सारे नियम कायदों से बड़े थे जो अपनी गलती को गलती मानने की बजाए मीडिया वालो के आगे अपना मोबाइल का कैमरा ऑन करके उनसे सवाल जबाव करने लगे कि, आप यहां क्यों आए हो आप यहां क्या कर रहे हो, अब इस मामले का वीडियो सामने आने के बाद जिम्मेदार कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
टीआई साहब से फोन पर बात कराने के बाद भी बर्दी का रौब नहीं हुआ कम
– शहर के चौराहे पर कार सवार को बे-वजह रोककर परेशान करने बाले इन दोनों पुलिस कर्मियों से मीडिया कर्मी ने कोतवाली थाने के टीआई दिनेश राजपूत से फोन पर बात कराई, इस दौरान यह पुलिस कर्मी अपनी गलती मानने की बजाए कहने लगे कि, सर गाडियों के कागजात भी चैक कर लेते हैं, गाडी इन्होंने नाम नहीं कराई है, इसलिए रोकी है.
इसके बाद टीआई श्री राजपूत ने उनसे कहा कि, गाड़ी नाम नहीं है तो क्या हुआ गाडी है तो उनकी, फिर क्यों परेशान कर रहे हो, टीआई साहब के यह कहने के बाद भी यह पुलिस कर्मी कार सवार को धमकी देने लगे और उसका वीडियो बनाकर उससे जबरन यह कहलवाने लगे कि, उन्होंने उससे रुपये नहीं मांगे लेकिन, कार सवार ने साफ शब्दों में कह दिया कि, एक हजार रुपये मांग रहे थे.
इनका क्या कहना है.
इस बारे में कार सवार नईम खान का कहना है कि, वह बारां में कुछ काम से गए थे रात को करीब 1 बजे वह अपनी कार से घर वापस लौट रहे थे, इमाम बाडे पर उनका घर है वह घर पहुंच पाते इससे पहले दो पुलिस बालों ने उन्हे रोक लिया, उन्होंने कागज मांगे तो कागज और लाइसेंस दिखा दिया लेकिन, वह कहने लगे कि, कार तुमने अपने नाम क्यों नहीं कराई है और एक हजार रुपये मांगने लगे, एक शराब के नशे में था, मेंने मना किया तो डेढ घंटे तक परेशान किया।
इस बारे में कोतवाली थाना टीआई दिनेश राजपूत का कहना है कि, गाड़ी नाम होना न होना कोई विषय नहीं होता, गाड़ी किसी के भी नाम हो सकती है, मैं इस मामले को दिखवाऊंगा, नियमानुशार कार्रवाई की जाएगी