बिहार: चुनावी साल में अतिथि प्रोफेसर और शिक्षकों को राहत, फिर होंगे बहाल, रिटायरमेंट तक देंगे सेवा

Bihar Guest Teachers News: बिहार में निष्कासित हुए अतिथि प्रोफेसर और शिक्षक फिर से बहाल होंगे. चुनावी वर्ष में सरकार ने बड़ी राहत दी है. हड़ताल के कारण अब अतिथि प्रोफेसर और शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी. विधान परिषद की शिक्षा समिति ने शिक्षा विभाग को अनुसंधान पत्र भेजा है. पत्र में कॉलेज के अतिथि प्रोफेसर की 65 वर्ष और स्कूलों के अतिथि शिक्षकों की सेवा 60 वर्ष तक करने की अनुशंसा की गई है.

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8 अप्रैल 2025 को विधानसभा परिषद के सभापति की अध्यक्षता में शिक्षा समिति ने कई मुद्दों पर अनुशंसा का निर्णय लिया था. 5-6 वर्षों की सेवा के बाद हटाए गए अतिथि प्रोफेसर को फिर से बहाल करने की मंजूरी मिली. अतिथि प्रोफेसर की नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन होने पर 65 वर्ष सेवा करने की अनुशंसा की गई है. माध्यमिक विद्यालय में भी कार्यरत वैसे अतिथि शिक्षक जिनकी योग्यता स्थाई शिक्षक के समतुलल्य है और नियुक्ति में आरक्षण नियम का पालन किया गया है, ऐसे अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है.

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अतिथि प्रोफेसर और शिक्षकों के लिए खुशखबरी

5 -6 वर्ष की सेवा के बाद हटाए गए अतिथि शिक्षकों को फिर से बहाल करते हुए उम्र सीमा 60 वर्ष तक करने की अनुशंसा की गई है. विधान परिषद की शिक्षा समिति ने डिग्री कॉलेज, मान्यता प्राप्त इंटर एवं माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा लेने, कॉपी जांच करने की लंबित अनुदान राशि पर भी फैसला लिया है. पत्र में शिक्षा विभाग को सभी लंबित अनुदानों को एकमुक्त राशि देने के साथ साथ वेतन प्रावधान करने की भी सिफारिश की है.

रिटायरमेंट उम्र 65 और 60 करने की अनुशंसा

इसके अलावा नियोजित शिक्षकों को भी बड़ी राहत मिली है. नियोजित शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष, विशेष शिक्षक को वेतन मिलने में काफी देरी होती है. विधान परिषद की शिक्षा समिति ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि बिहार शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली के तहत समय पर वेतन देना सुनिश्चित करें.

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