नीति आयोग की बैठक में क्यों शामिल नहीं हुईं ममता? सामने आई वजह, BJP ने बोला हमला

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शनिवार को नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने से राज्य की सियासत गरमा गई है, हालांकि अधिकारिक रूप से ममता बनर्जी की ओर से बैठक में शामिल नहीं होने की वजह नहीं बताई गई है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने बताया है कि आखिर ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में क्यों शामिल नहीं हुई हैं?

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पिछली नीति आयोग की पिछली बैठक में ममता बनर्जी शामिल हुई थी, लेकिन आरोप लगाया था कि उनके भाषण के बीच में ही माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था. इस बाद बैठक बीच में ही छोड़कर ममता चली गई थीं. इस बार बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली मुख्यमंत्रियों की नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुईं.

भारत ने 2047 तक विकसित देश बनाने का टारगेट रखा है. प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ इस लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के बारे में चर्चा की. प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि राज्य विकसित होगा तो ही देश विकसित होगा.

माइक्रोफोन बंद करने को लेकर ममता नाराज

मुख्यमंत्री ममता इस बार नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं. उन्होंने पिछले वर्ष बैठक में भाग लिया था, लेकिन, वह बीच में ही बैठक से बाहर निकल गई थी. ममता ने कहा कि उनके भाषण के बीच में माइक्रोफोन बंद कर दिया गया. उन्हें बंगाल को वंचित किए जाने के बारे में बोलने की अनुमति नहीं दी गई. नीति आयोग की बैठक पिछले वर्ष 27 जुलाई को हुई थी. पिछली बार 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उस बैठक में उपस्थित नहीं थे.

भाजपा ने ममता पर बोला हमला

नीति आयोग की बैठक में आज ममता के शामिल न होने पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “पिछली बार मुख्यमंत्री ने शिकायत की थी कि उनके भाषण के बीच में माइक बंद कर दिया गया था. संबंधित अधिकारियों ने उस बयान का समर्थन नहीं किया. केंद्र और राज्य मिलकर समग्र सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए नीति बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पहले से ही पिछड़ा हुआ है. लाखों प्रवासी श्रमिक हैं. प्रतिभाएं इस राज्य से दूसरे राज्यों में जा रही हैं.

बैठक शामिल नहीं होने की तृणमूल ने बताई ये वजह

नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री के शामिल न होने को लेकर तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, “जहां नीति आयोग की बैठक में संघीय ढांचे के अनुरूप सभी के बयानों पर चर्चा होनी चाहिए. वहां पिछली बार माइक बंद करके घिनौनी घटना घटी थी. ऐसे में बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है.

उन्होंने कहा किक्या वहां अपमानित होने के लिए जाएंगी? और आप बंगाल के बारे में कहां बात कर सकते हैं? मुख्यमंत्री बंगाल की वंचना को उजागर कर रही हैं. वहां जबरन माइक बंद करके केंद्र क्या कहना चाह रहा है? इससे बुरी घटना पहले कभी नहीं हुई। मुझे नहीं पता कि भविष्य में ऐसा होगा या नहीं.”

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