मोबाइल पर कोई आपको कितना भी बड़ा भी अफसर बन कर केवाईसी अपडेट कराने का झांसा दे तो ओटीपी बिल्कुल भी न दें, बिलासपुर के सकरी निवासी एक व्यक्ति फर्जी बैंक अफसर के चक्कर में 26 लाख 74 हजार 701 रूपए गंवा चुका है।
थाना रेंज साइबर की टीम ने इस मामले में अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक ये लोग फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का धोखाधड़ी में इस्तेमाल करते थे।
बता दें कि पुलिस महानिरीक्षक डा. संजीव शुक्ला के निर्देश पर एसएसपी रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ मुहिम चला रखी है।
जानिए कैसे हुई ठगी और संभल जाइए
सकरी निवासी जॉनसन एक्का को विगत महीने किसी ने मोबाइल कॉल कर अपने आप को बैंक अधिकारी बताया। बातों में उलझाकर उसने ऑनलाइन KYC करने की प्रक्रिया बताकर एक्का से बैकिंग जानकारी एवं ओटीपी हासिल कर लिया। बाद में एक्का को पता चला कि उसके बैंक खाता से लोन लेकर कुल 26,74,701/- रुपए की ठगी की जा चुकी है।
ठगी के शिकार जानसन एक्का ने सकरी थाने में पूरे वाकए की लिखित शिकायत की, जिस पर अपराध क्रमांक 936/2024 धारा 318(4), बीएनएस पंजीबद्ध किया गया। मामले की केश डायरी थाना रेंज साइबर बिलासपुर को प्राप्त होने पर विवेचना शुरू हुई।
पुलिस ने शिकायतकर्ता के बैंक खाता संबंधित बैंक से बैंक स्टेटमेंट और साइबर अपराध पोर्टल में की गई रिपोर्ट के ए.टी.आर. रिपोर्ट के आधार पर खाता धारकों और मोबाइल धारकों के बारे में मालूमात हासिल की।
ठगी करने वाले ट्रेस हो गए
पुलिस ने ठगी की रकम प्राप्त करने में इस्तेमाल बैंक खातों को चिह्नांकित कर बैंक खाता धारकों की जानकारी, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और घटना से संबधित तकनीकी जानकारी प्राप्त की । ये पता चलने पर कि आरोपी उड़ीसा प्रांत के निवासी हैं, विशेष टीम उन्हें पकड़ने के लिए रवाना हुई।
जहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी टीम के साथ संदेही खाता धारक क्रूश्ना लूहा (42 वर्ष) निवासी दीपापल्ली थाना उलूंडा जिला सोनापुर उड़ीसा को थाना उलूंडा के स्टाफ के सहयोग से आरोपी के पते पर जाकर ढूंढा गया।
पुलिस को देख आरोपी भाग खड़े हुए
पुलिस को देखकर आरोपी भागने और छुपने का प्रयास किए, जिसे स्थानीय पुलिस के सहयोग से घेराबंदी कर पकड़ा गया, और थाना उलूडा में लाकर पूछताछ की गई। इसके बाद आरोपी गुलेख कुम्हार (40 वर्ष) निवासी दीपापल्ली ,पंकज कुमार खैतान (44 वर्ष) निवासी विवेकानंदपल्ली, राऊरकेला ने ठगी करना स्वीकार किया।
साइबर क्राइम से बचने ये करें-
- बिलासपुर पुलिस ने साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ सुझावों पर अमल करने की अपील की है, जो इस प्रकार है।
- अपना बैंक खाता तथा मोबाइल सिम किसी दूसरे व्यक्ति को उपयोग के लिए न दें, वह आपके बैंक खाता और मोबाइल सिम का उपयोग साइबर ठगी करने में कर सकता है।
- शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देने वाले अनजान कॉल से सावधान रहें और किसी भी प्रकार के व्हाट्सएप ग्रुप में न जुड़ें और न ही किसी प्रकार की जानकारी साझा करें।
- कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को कस्टम विभाग, पुलिस अधिकारी, सीबीआई या ईडी का अधिकारी बताकर बताकर ठगी करने का प्रयास करते हैं, जिसमें पार्सल कैंसिल हो गया है, पार्सल में एटीएम कार्ड, ड्रग्स मिला है जिसे कस्टम विभाग द्वारा जब्त किया गया है, कहकर ‘‘डिजीटल अरेस्ट’’ के नाम पर ठगी किया जा रहा है, जिससे सावधान रहे।
- पार्सल के नाम पर मोबाइल नंबर पर कॉल करने कहा जाता है जिससे कस्टमर का कॉल फारवर्ड एक्टिवेट हो जाता है और कॉल या मैसेज की जानकारी ठगों के पास चली जाती है, तो इस प्रकार के कॉल से सावधान रहे।
- अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाइल पर सेव नहीं है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें।
- अनजान वेबसाइट और अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचें।
- कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने या रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें।
- स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से इंटिमेट (अश्लील लाइव चैट) करने से बचे।
- परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने का झांसा देने वाले व्यक्तियों खासकर +92 नम्बरों से होने वाले साइबर फ्रॉड की घटना घटित होने पर तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
- साइबर क्राइम होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त की जा सकती है। वहीं http://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।