बॉर्डर पर तैनात जवान की बेटी के दिल में छेद:तबीयत बिगड़ने पर रात में खुला हेल्थ ऑफिस, कुछ ही घंटों में दस्तावेज तैयार कर मुंबई भेजा

जबलपुर में शनिवार की रात स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी इमरजेंसी अलर्ट से कम नहीं थी। सरकारी अवकाश होने के बावजूद रात 8 बजे से 11 बजे तक जिला स्वास्थ्य कार्यालय खुला रहा। कारण था– आर्मी के जवान की एक महीने की मासूम बच्ची की जान बचाना, जिसे दिल में छेद की गंभीर बीमारी थी। कुछ ही घंटों में दस्तावेज तैयार हुए और बच्ची को परिजनों के साथ मुंबई इलाज के लिए रवाना कर दिया गया।

Advertisement

मामला अधारताल निवासी राहुल कुशवाहा की एक माह की बेटी आराध्या का है। बच्ची के पिता भारतीय सेना में पदस्थ हैं और वर्तमान में श्रीनगर बॉर्डर पर तैनात हैं। शनिवार दोपहर आराध्या की तबीयत अचानक बिगड़ गई, शरीर नीला पड़ने लगा।

परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए। इको जांच में सामने आया कि उसके दिल में जन्मजात छेद है। डॉक्टरों ने सलाह दी कि तत्काल मुंबई रेफर किया जाए, क्योंकि जबलपुर में इसका इलाज संभव नहीं।

सीएमएचओ और जिला प्रबंधक भी लौटे ऑफिस

बच्ची की बिगड़ती हालत को देखते हुए उसकी मां और दादा रामायण कुशवाहा डीईआईसी कार्यालय पहुंचे। चूंकि शाम 5 बजे के बाद कार्यालय बंद हो चुका था, ऐसे में उन्होंने फोन पर डीईआईसी जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला से संपर्क किया। शुक्ला घर लौट रहे थे, लेकिन जैसे ही उन्हें मासूम की हालत की जानकारी मिली, वे तुरंत वापस कार्यालय पहुंचे। सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा को भी सूचना दी गई, और वे भी रात को कार्यालय पहुंचे।

कुछ ही देर में पूरा स्टाफ कार्यालय बुलाया गया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत आराध्या के इलाज के लिए सभी दस्तावेज तैयार किए गए। रात में ही डॉक्टरों से संपर्क हुआ, और रेलवे टिकट की भी व्यवस्था कर बच्ची को परिवार समेत मुंबई के नारायणा अस्पताल के लिए रवाना किया गया।

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत होगा इलाज

जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने बताया कि बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी। समय की संवेदनशीलता को समझते हुए पूरी टीम ने तीन घंटे के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। मुंबई के डॉक्टरों से बातचीत कर व्यवस्था सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया कि आराध्या का पूरा इलाज मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत नि:शुल्क किया जाएगा।

सेना में तैनात पिता श्रीनगर में, बच्ची को देख तक नहीं पाए

राहुल कुशवाहा की बच्ची का जन्म करीब एक महीने पहले 26 अप्रैल 2025 को हुआ था। उसी दौरान भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ गया और उन्हें दो दिन बाद ड्यूटी पर श्रीनगर जाना पड़ा। जन्म के बाद से ही आराध्या की तबीयत बिगड़ रही थी, लेकिन शनिवार को हालत गंभीर हो गई।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बना संजीवनी

सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों के जन्मजात विकृतियों जैसे दिल में छेद, कटे होंठ, पैरों का टेढ़ापन, नेत्र विकार आदि का इलाज नि:शुल्क किया जाता है।

पहले भी खोला गया था ऑफिस, बचाई गई थी जान

ऐसा ही एक मामला एक माह पहले सामने आया था, जब 17 दिन के नवजात को गंभीर हृदय विकार था। रविवार का दिन था, कार्यालय बंद था, लेकिन स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने आपातकालीन निर्णय लेकर ऑफिस खोला। जरूरी दस्तावेज तैयार कर मासूम को मुंबई इलाज के लिए रवाना किया गया। उस बच्चे का भी इलाज सरकार ने करवाया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।

 

Advertisements