उत्तर प्रदेश : फतेहपुर जनपद के अंतर्गत आज सुबह से ही महिलाएं वट वृत की पूजा अर्चना कर रही हैं हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार महिलाएं बट वृक्ष की पूजा करने के साथ-साथ उपवास भी रखती हैं इसका महत्व वट सावित्री व्रत कथा से जुड़ा हुआ है जब सावित्री ने अपने पति को यमराज से अपनी हठ व पूजा के बल पर अपना सुहाग बचाए था वही मान्यता ये भी है की महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ-साथ अपने परिवार की सुख समृद्धि हेतु पूजा अर्चना करती हैं.
पूरे जनपद में बरगद के समीप महिलाएं सुबह से ही श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना हेतु पूजा अर्चना कर रही है जनपद के विभिन्न स्थानों पर भारी संख्या में महिलाएं पहुंचकर बट वृक्ष की पूजा करते देखा जा रहा है.आचार्य साजन शुक्ला के अनुसार हिंदू धर्म में यह पर्व की विशेष महत्वता है इस पर्व को बड़े ही उत्साह व आस्था के साथ मनाया जाता है इसे बट सावित्री कहा जाता है साथ ही लोग करवा चौथ का व्रत नहीं करते हैं, वे वट सावित्री का व्रत अवश्य करते हैं.
वट वृक्ष बरगद (बड़ का पेड़) को त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु, महेश का संयुक्त रूप माना गया है. इस वृक्ष की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट व परेशानियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.अलग-अलग राज्यों अलग-अलग स्थान पर इसे अलग-अलग नाम दिए गए हैं किंतु उत्तर भारत में यह सबसे महत्वपूर्ण पर्व है.