ब्लैकमेलिंग से तंग आकर शिक्षक ने की आत्महत्या! लूट और हत्या की कहानी निकली फर्जी, RTI एक्टिविस्ट गिरफ्तार

दमोह : हारट गांव में 15 मई की रात एक शिक्षक की मौत को लेकर जो कहानी सामने आई थी वह पूरी तरह से झूठी निकली.जिस वारदात को लूट और हत्या का रूप देने की कोशिश की गई उसका हटा थाना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है.दरअसल शिक्षक राजेश त्रिपाठी की मौत आत्महत्या थी जो उन्होंने ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर की थी.

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पुलिस जांच में सामने आया है कि शिक्षक राजेश त्रिपाठी पर लंबे समय से आर्थिक और मानसिक दबाव था.खास तौर पर आरटीआई एक्टिविस्ट जितेंद्र कुमार भट्ट जो वर्तमान में नर्मदापुरम में रह रहा था उसने वर्ष 2018 से ही शिक्षक को फर्जी मार्कशीट के नाम पर ब्लैकमेल कर करीब 20 से 22 लाख रुपए वसूल लिए थे.

 

इसके बावजूद आरोपी द्वारा शिक्षक से और 5 लाख रुपए की मांग की जा रही थी. रकम न देने पर उसे शिकायत करने की धमकी दी जा रही थी. पुलिस ने जब सीडीआर साक्ष्य और संदिग्धों से गहन पूछताछ की तो सच्चाई सामने आ गई.

 

हटा थाना प्रभारी प्रशांत सिंह सुमन ने बताया कि मृतक शिक्षक की फर्जी डिग्री की शिकायत पर जांच दमोह में चल रही थी। इसी बीच सोशल मीडिया पर शिक्षकों पर कार्रवाई की खबरें आने लगीं जिससे शिक्षक और भी मानसिक रूप से परेशान हो गया.

 

इसके साथ ही राजेश त्रिपाठी पर भारी कर्ज भी था.15 मई की रात शिक्षक राजेश त्रिपाठी ने हारट गांव की नहर के पास खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी.लेकिन परिजनों ने शुरुआत में इसे चार लाख की लूट और हत्या करार दिया था.

पुलिस ने लगातार तह तक जाकर मामले की सच्चाई उजागर की और आरोपी जितेंद्र कुमार भट्ट को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. पुलिस ने इस मामले में IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है.यह मामला न सिर्फ ब्लैकमेलिंग की भयावहता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि झूठी कहानियों के पीछे छिपे सच को सामने लाने के लिए पुलिस की भूमिका कितनी अहम होती है.

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