भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हर रोज नए-नए अपडेट जारी किए जा रहे हैं. आज यानी मंगलवार को बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो रिलीज किया गया है. जारी किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि भारतीय सेना किस तरह से पल भर में आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान के ये लॉन्च पैड PoK में स्थित था.
जम्मू फ्रंटियर के बीएसएफ आईजी शशांक आनंद ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पर बीएसएफ ने हमेशा ही अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय दिया है. हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में हमने दुश्मन की चौकियों को तबाह कर दिया. पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सभी को उम्मीद थी कि हम पाकिस्तान पर हमला करेंगे. हम यह भी जानते थे कि पाकिस्तान हमारी सीमाओं को निशाना बनाएगा.”
उन्होंने आगे कहा कि हमने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार थे. हमने सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी थी, हमने देखा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स सीमा के पास नहीं दिखे, वे पीछे हट गए थे लेकिन हम (BSF) सीमा पर ही रहे. हमने अपनी सीमाओं की रक्षा की। हमने सीमा पर अपना दबदबा बनाए रखा.
‘हमें इनपुट मिले थे…’
आईजी शशांक आनंद ने आगे कि हमारे पुरुष और महिला कर्मी सीमा की बाड़ के पार भी चौकियों पर तैनात थे. हमें इनपुट मिले थे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान सीमा से आतंकवादियों को घुसाने की कोशिश कर रहा है. 8 मई को हमने आतंकवादियों के एक बड़े समूह की हरकत देखी, वे सीमा की ओर बढ़ रहे थे. हमें पता था कि आतंकवादी घुसपैठ करना चाहते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि 8 मई को हमने पाकिस्तान पर हमला किया. हम दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाने में सक्षम थे. हमें कोई नुकसान नहीं हुआ. 9 मई को, पाकिस्तान ने अखनूर के पास सीमा पर अकारण गोलीबारी की, हमने जोरदार और प्रभावी तरीके से जवाब दिया. हमने 9 और 10 मई की मध्यरात्रि को सीमा के पास लश्कर के लूनी आतंकी लॉन्च पैड को नष्ट कर दिया.
‘चौकी का नाम रखा गया सिंदूर चौकी…’
आईजी शशांक आनंद ने कहा, “हमने आरएस पुरा सेक्टर के सामने मस्तपुर नामक आतंकी लॉन्च पैड को भी नष्ट कर दिया. हमारी कार्रवाई के दौरान, पाकिस्तानी रेंजर्स भागते और भागते देखे गए। दुश्मन ने इस संघर्ष में ड्रोन का इस्तेमाल किया. 10 मई की सुबह, पाकिस्तान ने कम ऊंचाई वाले ड्रोन भेजे. हमने ड्रोन से मुकाबला किया और उन्हें मार गिराया. दुर्भाग्य से, हमने ड्रोन हमले के दौरान अपने तीन बहादुरों, 2 बीएसएफ और 1 सेना के जवानों को खो दिया, वे वीरघाटी में पहुंच गए लेकिन हमने सीमा पर अपना दबदबा बनाए रखा.”
उन्होंने आगे बताया कि हमने दुश्मन को बहुत नुकसान पहुंचाया, हम अपनी दो चौकियों का नाम शहीदों के नाम पर रखने जा रहे हैं. हमने अपनी एक चौकी का नाम सिंदूर चौकी रखने का भी फैसला किया है. हम सरकार को प्रस्ताव भेजने जा रहे हैं. हमने सुनिश्चित किया कि दुश्मन हमारे नागरिकों को निशाना न बना सके. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी महिला कर्मियों ने सक्रिय भूमिका निभाई. उनके पास मुख्यालय जाने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने सीमा चौकियों पर ही रहना चुना.
‘पाकिस्तान पर भरोसा नहीं कर सकते…’
आईजी शशांक आनंद ने कहा, “हम उनके साहस को सलाम करते हैं. श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान बीएसएफ चौकसी बढ़ाएगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई अप्रिय घटना न हो. हम चाहते हैं कि लोग श्री अमरनाथ यात्रा के लिए आएं. ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादी फिर से संगठित होने लगे हैं. हम पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं कर सकते. ऑपरेशन सिंदूर जारी है, पाकिस्तान भविष्य में भी आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करेगा. हम घुसपैठ रोधी उपायों में तेजी ला रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के लिए पहले भी आतंकी सुरंगों का इस्तेमाल किया गया है, यह एक चुनौती बनी हुई है. हम इस चुनौती से निपटने के लिए काम कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करना है. हम घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम करने में सफल रहे हैं.
सुंदरबनी सेक्टर के बीएसएफ डीआईजी वरिंदर दत्ता ने कहा, “8 मई को, हमें रिपोर्ट मिली थी कि सीमा पार पाकिस्तान के लूनी आतंकी लॉन्च पैड पर 18 से 20 आतंकवादी मौजूद हैं और वे यहां घुसपैठ कर सकते हैं लेकिन हमने हमला करके उन्हें चौंका दिया, जिससे भारी नुकसान हुआ.”