कानपुर में मेट्रो का काम कर रही तुर्किए (Turkiye) की एक कंपनी ठेकेदारों का 80 करोड़ रुपये लेकर भाग गई. कंपनी के स्थानीय ऑफिस में ताला लगा हुआ मिला है. मौके पर मौजूद गार्डों ने कहा कि हमारी सैलरी दिए बिना ही कंपनी चली गई.
वहीं, ठेकेदारों का आरोप है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कंपनी के अधिकारियों ने उठाना बंद कर दिया था. बार-बार पूछने पर और फोन करने पर अब शहर छोड़ कर भाग गए. पीड़ितों ने कंपनी के अधिकारियों को फोन लगाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.
इस बीच एक ठेकेदार ने कंपनी का लेटर दिखाते हुए कहा कि कैसे अधिकारियों ने उन्हें बोला था कि 30 से 40 परसेंट का डिस्काउंट दो तो ही पेमेंट करेंगे. मगर अब सब गायब हैं. ठेकेदारों का आरोप है कि यूपीएमआरसी से भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. फिलहाल, जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया है.
ठेकेदारों का कहना है कि पहले तो बातचीत हो जाती थी, लेकिन जब से तुर्किए के बहिष्कार का कैंपेन चला है, तब से कंपनी को पता नहीं क्या लगा कि वह यहां से अपना ऑफिस छोड़कर चली गई. जबकि, पेमेंट अभी बाकी है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कानपुर शहर में मेट्रो स्टेशनों के निर्माण तुर्किए की कंपनी कर रही थी और कंपनी ने 40 से अधिक भारतीय ठेकेदारों का करोड़ों रुपये भुगतान रोक लिया. सवाल उठे तो तो कंपनी के कर्मचारी ऑफिस में तालाबंदी करके गायब हो गए. अब इसको लेकर ठेकेदारों ने जिलाधिकारी कार्यालय में एसीएम को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है.
मालूम हो कि कानपुर में मेट्रो रेल सेवा का विस्तार करने के लिए तीन फेज में काम चल रहा है. इसमें चुन्नीगंज, बड़ा चौराहा, नवीन मार्केट और नयागंज चार मेट्रो स्टेशन हाल ही में बनकर तैयार हुए हैं. 2021 में मेट्रो ने इन चारों स्टेशनों के निर्माण की जिम्मेदारी तुर्किए की कंपनी गुलरकर्म व उसकी सहयोगी कंपनी सेम इंडिया को सौंपी थी.
उधर, गुलरकर्म कंपनी के बिलिंग मैनेजर हतीश ऐरी ने ‘आजतक’ को बताया कि यूपीएमआरसी ने हमारा बकाया नहीं चुकाया है. 35 करोड़ से अधिक के भुगतान को लेकर यूपीएमआरसी के साथ विवाद चल रहा है. अगर यूपीएमआरसी हमारा बकाया चुका दे तो हम सब कॉन्ट्रैक्टर का भुगतान निपटा देंगे. हालांकि, यूपीएमआरसी का कहना है कि भुगतान का कोई विवाद नहीं है और गुलरकर्म कंपनी की सारी चीजें निपटा दी गई हैं.