मुकेश अंबानी का नाम कारोबार के साथ साथ राजनीतिक कारणों से भी बीते 10 साल में अक्सर ही ट्रेंड करता रहा है. और अक्सर अकेले नहीं बल्कि एक और बड़े कारोबारी गौतम अडानी के साथ. लोकसभा चुनाव 2024 में भी अंबानी-अडानी कांग्रेस और बीजेपी के चुनाव हमलों और पलटवार के बीच बने रहे.
चुनाव बाद राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के बाद मुकेश अंबानी की तरफ से बड़ी पहल भी देखने को मिली है. 10 साल में मुकेश अंबानी के घर तीसरी शादी हो रही है. न्योता तो हमेशा ही सभी को मिलता रहा है, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार मुकेश अंबानी को 10, जनपथ जाकर गांधी परिवार को न्योता देते देखा गया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अभी तक जो खबरें आ रही हैं, ऐसा लगता है कि गांधी परिवार ने अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट को दूर से ही आशीर्वाद देने का मन बना रखा है. हां, सूत्रों के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंबानी परिवार की शादी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
शादी का मौका विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात का भी बहाना बन रहा है, लेकिन बैठक में कांग्रेस की भागीदारी भी शादी में शामिल होने जैसी ही प्रतीत होती है. चूंकि ये बैठक शादी की वजह से हो रही लगती है, लिहाजा लगता नहीं कि राहुल गांधी इंडिया ब्लॉक की इस मीटिंग में भी शामिल हो पाएंगे.
इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात की पहल जिसने भी की हो, लेकिन ये जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से आई है. मुंबई रवाना होने से पहले ही कोलकाता में ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में मुलाकात की बात बताई थी.
मुलाकात को लेकर ममता बनर्जी ने शरद पवार और उद्धव ठाकरे के अलावा अखिलेश यादव का नाम तो लिया था, लेकिन कांग्रेस के किसी नेता को लेकर ऐसी कोई बात नहीं कही थी. वैसे भी महाराष्ट्र में हो रहे विधान परिषद चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पहले से ही खफा बताये जाते हैं.
अंबानी की शादी और महाराष्ट्र की राजनीति
अंबानी परिवार में शादी अपनेआप में बड़ा इवेंट है, और बाकी नामी गिरामी शख्सियतों के बीच विपक्षी खेमे के नेताओं की जमघट अलग महत्व रखती है. ममता बनर्जी की बातों से तो यही लगा कि वो व्यक्तिगत संबंधों के चलते शादी में शामिल हो रही हैं, और शादी के ही बहाने मुंबई पहुंचे रहे नेताओं से बैठकर बातचीत हो जानी है – महत्वपूर्ण बात ये है कि ये बैठक महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले हो रही है.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं मुंबई जा रही हूं… आप सभी जानते हैं कि मुकेश अंबानी जी के बेटे की शादी हो रही है… उन्होंने कई बार आमंत्रित किया है, और मुकेश अंबानी जी बंगाल के निमंत्रण पर कई बार विश्व बांग्ला सम्मेलन में शामिल हुए हैं… मैं शायद नहीं जाती लेकिन मुकेश जी, उनके बेटे और नीता जी ने मुझे बार-बार आने के लिए कहा… इसलिए मैंने जाने का फैसला किया है.’
ममता बनर्जी ने बताया कि मुंबई में वो उद्धव ठाकरे से भी मिलेंगी जिसमें राजनीतिक बातचीत ही होगी. ममता पहले भी कहती रही हैं कि जब राजनीतिक लोग बैठेंगे तो बात भी राजनीतिक ही होगी. ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से उद्धव ठाकरे से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है.
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं शरद जी के घर भी जाऊंगी… उनसे भी मिलने का समय तय कर लिया है… अखिलेश भी… आ रहे हैं… मैं उनसे भी मिल सकती हूं.’ अखिलेश यादव के साथ साथ लालू यादव के भी अंबानी की शादी में शामिल होने की खबर आई है, यानी वो भी इंडिया ब्लॉक के नेताओं से मिलेंगे.
मुंबई में इससे पहले इंडिया ब्लॉक के नेता पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले मिले थे. तब मीटिंग में राहुल गांधी भी शामिल हुए थे. लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी का रुख इंडिया गठबंधन को लेकर बार बार बदलता रहा. बाद में ममता बनर्जी ने बोल दिया था कि वो पूरी तरह इंडिया गठबंधन में ही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में वो अकेले चुनाव लड़ी थीं. हां, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने अपने हिस्से से एक सीट तृणमूल कांग्रेस को जरूर दी थी.
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव दोनों ही नेताओं का अपने अपने राज्यों में जबरदस्त चुनावी प्रदर्शन देखा गया है. पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव का महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए खड़े होना, बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी और सत्ताधारी महायुति के राजनीतिक दलों का प्रदर्शन वैसे भी अपेक्षित नहीं रहा है.
महाराष्ट्र की राजनीति यूपी-बंगाल और बिहार का प्रभाव
महाराष्ट्र की राजनीति में समाजवादी पार्टी का हस्तक्षेपर पहले ज्यादा रहा है. समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी तो अब भी चर्चा में रहते ही हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में अभी अबू आजमी सहित सपा के दो विधायक हैं.
लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को मिली कामयाबी के जो कारण हैं, वे महाराष्ट्र में भी मौजूद हैं. जैसे यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन में पीडीए की बड़ी भूमिका रही, महाराष्ट्र में भी ये फैक्टर निर्णायक भूमिका न सही, लेकिन अपना प्रभाव तो दिखा ही सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में 6-7 लाख यादव वोटर हैं, और आस पास को मिला दें तो ये संख्या डबल यानी करीब 13 लाख पहुंच जाती हैं. और वैसे ही 40 लाख से ज्यादा मुसलमान भी हैं, जो पूर्वांचल क्षेत्र के हैं.
जिस तरह से यूपी में अखिलेश यादव पीडीए का वोट कांग्रेस को ट्रांसफर कराने में सफल रहे हैं, महाराष्ट्र में भी विपक्षी नेताओं को ऐसी ही अपेक्षा होगी – और ये ऐसा वोट बैंक है जिस पर अखिलेश यादव और लालू यादव के साथ साथ मुस्लिम वोटों के मामले में ममता बनर्जी की भूमिका भी असरदार हो सकती है.
लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो विपक्षी खेमे से शरद पवार और उद्धव ठाकरे के उम्मीदवारों का प्रदर्शन अजित पवार और एकनाथ शिंदे से बेहतर तो रही है, कांग्रेस ने तो बेहतरीन प्रदर्शन किया है – और अभी हो रहे महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनावों में भी देखना है कि जोरआजमाइश में कौन भारी पड़ता है, महाविकास आघाड़ी या महायुति?
हाल ही में खत्म हुए संसद के विशेष सत्र में इंडिया गठबंधन काफी एकजुट दिखा. ये भी लगता है कि बजट पेश होने के दौरान भी विपक्ष एक साथ नजर आएगा, और ये बात बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है.
इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र में भी अगर लोकसभा चुनाव की ही तरह प्रदर्शन करता है तो बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है, और सत्ता में वापसी की संभावना भी कम हो सकती है – और अंबानी परिवार में शादी के बीच मुंबई में इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात का मकसद भी सिर्फ यही है.