भोपाल (MP Power Bill)। एक यूनिट बिजली अधिक जल गई तो क्या हो जाएगा? सामान्य स्थितियों में कुछ लोग बेपरवाही से यह सवाल पूछकर खुश हो लेते हैं, लेकिन इस महीने मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जो बिल आए हैं, उन्होंने इसका जवाब दिया है। केवल एक यूनिट खपत बढ़ जाने से बिल सामान्य से एक हजार रुपये तक अधिक आए हैं। यह गर्मी और बिजली कंपनी का झटका है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक बिजली खपत पर सब्सिडी मिलती है। अगर इस सीमा से एक यूनिट भी अधिक खपत हो जाती है तो उपभोक्ताओं को मिलने वाली यह सब्सिडी समाप्त हो जाती है। ऐसे में उन्हें पूरे 151 यूनिट का सभी चार्ज के साथ भुगतान करना होता है।
इसको ऐसे समझें कि एक उपभोक्ता का अप्रैल महीने में 149 यूनिट की खपत हुई। प्रतिदिन की खपत आई 4.52 यूनिट। सभी चार्ज मिलाकर कुल बिल आया 966 रुपये। लेकिन उसे 559 रुपये की सब्सिडी मिली और वास्तविक भुगतान करना पड़ा केवल 490 रुपये। वहीं, मई महीने में इसी उपभोक्ता ने 151 यूनिट बिजली खर्च की। ऐसा होते ही उपभोक्ता सब्सिडी से बाहर हो गया।
अब उनको पूरा बिल एक हजार रुपये जमा करने होंगे। बिजली कंपनियों ने 4107.18 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली के मौजूदा टैरिफ में 7.52 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की थी। इसके बदले आयोग ने 3.46 प्रतिशत बढ़ाया है। नया टैरिफ अप्रैल से लागू हो गया है।
हर सेक्टर के लिए महंगी हुई बिजली
मध्य प्रदेश में करीब एक करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा 150 यूनिट तक बिजली की खपत पर सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में 149 यूनिट तक का बिल आने पर करीब 500 रुपये तक का लाभ हो जाता है।
वहीं यदि इसमें एक यूनिट भी बढ़ जाती है तो यह बिल 151 यूनिट का हो जाता है। इस तरह प्रतिदिन पांच यूनिट से अधिक खपत होते ही सब्सिडी का लाभ मिलना बंद हो जाता है और उपभोक्ताओं को पूरे यूनिट का बिल जमा करना होता है।