घाघरा-चोली में पत्नी की लाश! पति की निकली चीख, बोला- गीता ये तूने क्या किया; फिर रेलवे स्टेशन से मिला ऐसा क्लू, पलट गई कहानी

गुजरात के पाटन में कुछ दिन पहले घाघरा और ब्लाउज पहने एक बुजुर्ग का अधजला शव मिला था. बुजुर्ग व्यक्ति दलित समाज से था, इसलिए उसकी रहस्यमयी मौत के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ने लगा. पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई और मामले की जांच तेजी से शुरू की. फिर जो खुलासा हुआ वाकई वो हैरान कर देने वाला था. 23 साल की युवती ने अपने बॉयफ्रेंड संग मिलकर बुजुर्ग को मार डाला था

इस मामले में जाखोत्रा गांव की ही एक 23 साल की गीता और उसके बॉयफ्रेंड भरत लुभाअहिर को अरेस्ट कर लिया गया है. मृतक की पहचान 56 वर्षीय दलित मजदूर हरजी देभा सोलंकी के रूप में हुई. पूछताछ के दौरान महिला ने खुलासा किया कि उसने गांव के ही अधेड़ व्यक्ति को इसलिए घाघरा और ब्लाउज पहनाकर मौत के घाट उतारा क्योंकि वो चाहते थे कि घर वाले समझें कि उसकी मौत हो गई है. गीता चुप-चाप अपने प्रेमी के साथ गांव से भाग निकलना चाहती थी.

पुलिस के मुताबिक, गीता पहले से शादीशुदा थी. उसके पति का नाम सुरेश गेंगा भीमा है. उसकी तीन साल की एक बेटी भी है. गीता अपने बॉयफ्रेंड भरत के साथ जोधपुर भागने की योजना बना रही थी. इस योजना तहत दोनों ने सोलंकी को मारकर उसके शव को गीता के कपड़ों में लपेटा, ताकि यह लगे कि गीता की मौत हो चुकी है. इस अपराध को अंजाम देने के लिए दोनों ने सोलंकी को शराब पिलाकर बेहोश किया और फिर उसे जला दिया.

पति को लगा गीता की लाश है

अगले दिन 27 मई को सुरेश अपनी तीन साल की बच्चे की रोने की आवाज पर सुबह उठा. तो उसने अपनी पत्नी गीता को पास नहीं पाया. पत्नी को ढूंढते हुए जब वह घर के पीछे पहुंचा, वहां उसे एक अधजला शव मिला जिसे देखकर उसके होश उड़ गए. ये शव नारंगी और बैंगनी घाघरा-चोली में था, पैरों में चांदी की पायल भी थी. यह वही कपड़े थे जो उसकी 22 वर्षीय पत्नी गीता के थे. सुरेश को लगा कि उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली है और उसने पुलिस को सूचना दी. लेकिन जांच के कुछ ही घंटों में मामला पूरी तरह पलट गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि शव 56 वर्षीय दलित व्यक्ति हरजी देभा सोलंकी का था, जो वौवा गांव (जाखोत्रा से 7 किमी दूर) का रहने वाला था.

ट्रेन पकड़ने से पहले ही गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, 27 मई की सुबह जब शव मिला, तो स्थानीय लोगों ने इसे जातिगत हिंसा समझा, लेकिन पोस्टमार्टम और जांच में असली सच सामने आया. पुलिस ने 28 मई को सुबह 4 बजे पालनपुर रेलवे स्टेशन से गीता और भरत को गिरफ्तार कर लिया. दोनों जोधपुर की ट्रेन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे.

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