सोनभद्र में अंधविश्वास का काला खेल! झाड़-फूंक के फेर में नेत्रहीन महिला ने सर्पदंश से गंवाई जान.

सोनभद्र : अंधविश्वास और अज्ञानता का एक और दर्दनाक अध्याय सोनभद्र के चोपन थाना क्षेत्र स्थित ग्राम सिंदुरिया में लिखा गया है, जहाँ सर्पदंश का शिकार हुई एक नेत्रहीन महिला की जान झाड़-फूंक के चक्कर में चली गई. समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण लालती देवी (45 वर्ष) नामक महिला ने दम तोड़ दिया, जिससे एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त अंधविश्वास की भयावहता सामने आई है.

Advertisement

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, लालती देवी, जो दोनों आँखों से देख नहीं पाती थीं, और उनके पति लालता भारती, जो दोनों पैरों से विकलांग हैं, पहले से ही कई मुश्किलों का सामना कर रहे थे. आज दोपहर यह दुखद घटना तब घटी जब लालती देवी ने अपने घर पर एक मुर्गे को फड़फड़ाते सुना. अपनी सुनने की शक्ति पर भरोसा करते हुए, वह मुर्गे को बचाने के लिए उस स्थान पर पहुँचीं जहाँ से आवाज़ आ रही थी. दुर्भाग्यवश, उसी जगह पर एक जहरीला सांप मौजूद था. मुर्गे को पकड़ने के प्रयास में, सांप ने लालती देवी के हाथ में काट लिया. बताया जा रहा है कि घटना के बाद मुर्गा भी वहीं मृत मिला.

 

सांप के काटने के बाद, ग्रामीणों ने लालती देवी को अस्पताल ले जाने के बजाय, अंधविश्वास के चलते झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया. यह वह बहुमूल्य समय था जब उन्हें तत्काल मेडिकल सहायता की आवश्यकता थी, लेकिन ग्रामीणों ने पारंपरिक और अवैज्ञानिक उपचारों पर ही भरोसा किया. जब लालती देवी की हालत अत्यधिक बिगड़ने लगी, तब उन्हें अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश, अस्पताल पहुँचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

 

मृत्यु की सूचना दोपहर 1 बजे चोपन थाना को दी गई. सूचना मिलते ही, थाना चोपन प्रभारी तत्काल सिंदुरिया गांव पहुँचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की जांच में जुटी है.

यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और उसके गंभीर परिणामों को उजागर करती है, जहाँ समय पर वैज्ञानिक उपचार न मिलने के कारण कई बार अमूल्य जीवन असमय काल का ग्रास बन जाते हैं. क्या हम कभी इस अज्ञानता के अंधेरे से बाहर निकल पाएंगे.

Advertisements