न शरीयत, न हिजाब और न ही वक्फ… हमारी लड़ाई जारी रहेगी- अकबरुद्दीन ओवैसी

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने वक्फ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुसलमान वक्फ से जुड़े अपने अधिकारों को नहीं छोड़ेंगे और उनकी पार्टी वक्फ के लिए लड़ाई जारी रखेगी. अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नया कानून वक्फ संपत्तियों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है, न कि इसको बचाने के लिए. इस कानून को वापस लिया जाना चाहिए.

Advertisement

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो लोग सोचते हैं कि वे इस कानून के जरिए हमारा मनोबल कमजोर करना चाहते हैं. न तो हमारा मनोबल गिरा है और न ही गिरने वाला है. न तो हम अपनी शरीयत छोड़ने को तैयार हैं, न ही हिजाब और न ही हम अपना वक्फ छोड़ने को तैयार हैं. हम लोकतंत्र और कानून के दायरे में अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे.

अकबरुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता को कमजोर करने का प्रयास बताया. रविवार को हैदराबाद के धरना चौक पर AIMIM और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के साथ मिलकर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में उन्होंने कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि उन्हें नष्ट करने के लिए बनाया गया है.

उन्होंने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि हिंदू धार्मिक बोर्डों में केवल हिंदुओं को शामिल करने की शर्त होती है, लेकिन वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति संवैधानिक अधिकारों (अनुच्छेद 26) का उल्लंघन है.

5 अप्रैल को कानून को मिली थी मंजूरी

वक्फ संशोधन कानून जिसे अब ‘उम्मीद’ के नाम से जाना जाता है. इस कानून को भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह, और समावेशी बनाने के लिए लागू किया गया है. यह कानून 8 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गया है. इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल 2025 को मंजूरी दी थी. सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग, अतिक्रमण, और कुप्रबंधन को रोकने के लिए है. यह मुस्लिमों के धार्मिक कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है.

Advertisements