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सोनभद्र: कनहर परियोजना बनी मौत का कुआँ: 8 साल की महिमा की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश!

सोनभद्र: दुद्धी स्थित कनहर सिंचाई परियोजना के लिए एक काला दिन साबित हुआ. अमवार चौकी क्षेत्र में, कनहर परियोजना स्थल पर बने एक जलभृत गड्ढे में गिरने से 8 वर्षीय महिमा की दुखद मौत हो गई। इस हृदय विदारक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है और ग्रामीणों में ठेकेदार और संबंधित विभाग के प्रति भारी आक्रोश है. महिमा के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और वे मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं.

मासूम महिमा समा गई गड्ढे में, दादी के साथ गई थी बकरी चराने

कच्ची बांध क्षेत्र की निवासी महिमा रविवार को अपनी दादी के साथ पास के जंगल में बकरी चराने गई थी। खेल-खेल में चंचल महिमा बकरियों का पीछा करते हुए उस निर्माण स्थल पर जा पहुंची, जहाँ कनहर परियोजना का काम चल रहा था. यहीं पर एक गहरा गड्ढा खुदा हुआ था, जो हाल की बारिश के कारण पानी से लबालब भर गया था. दुर्भाग्यवश, गीली मिट्टी में महिमा का पैर फिसल गया और वह सीधे पानी से भरे गड्ढे में जा गिरी. आसपास कोई मौजूद नहीं था और मदद पहुंचने तक बहुत देर हो चुकी थी.

निर्माण स्थल बना मौत का जाल: न बैरिकेडिंग, न चेतावनी बोर्ड

घटनास्थल का मुआयना करने पर यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि घोर लापरवाही का नतीजा था। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुभाष ने बताया कि परियोजना स्थल पर ऐसे दर्जनों गड्ढे हैं जिनके चारों ओर न तो कोई बैरिकेडिंग की गई है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि परियोजना में सुरक्षा के नाम पर कोई चौकीदार भी तैनात नहीं है और न ही लोगों को सतर्क करने का कोई प्रयास किया गया। यह दर्शाता है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई.

परिजनों की मांग: ठेकेदार आए सामने, हो जिम्मेदारी तय

महिमा के पिता सुंदरलाल, जो पेशे से मजदूर हैं, अपनी इकलौती बेटी को खोने के सदमे से गहरे सदमे में हैं। उनकी दो संतानों में महिमा अकेली बेटी थी. दुखद परिजनों की मांग है कि ठेकेदार स्वयं सामने आए और अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करे. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ठेकेदार आकर जवाबदेही तय नहीं करता और उचित मुआवजे का आश्वासन नहीं देता, तब तक वे अंतिम संस्कार सहित कोई भी औपचारिकता पूरी नहीं करेंगे. यह घटना परियोजना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है और अधिकारियों को इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.

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