अपने उद्देश्यों पर सफल रहा सुशासन तिहार, जशपुर जिले में 98 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का हुआ निराकरण

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बेहतर सुशासन के लिए किए गए वादे के अनुरूप किए गए कार्यों को आम जनता की मुहर लग गई है. 54 दिन तक चलाए गए सुशासन तिहार में लोगों की मांगों एवं समस्याओं के निराकरण की दिशा में किए गए कार्यों से सरकार के प्रति लोगों का विश्वास और भी गहरा हुआ है. जशपुर जिले में कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में सुशासन तिहार के दौरान प्रशासन ने पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करते हुए 98 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण किया है.

Advertisement

सुशासन तिहार के दौरान 132404 आवेदन आए, जिसमें से 130279 आवेदनों का पूरी पारदर्शिता के साथ निराकरण किया गया. इस तिहार में आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान, शासकीय योजनाओं की समीक्षा और निगरानी, विकास कार्यों में तेजी लाना, और जनता, जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर आम जनता को लाभान्वित करने के अपने उद्देश्य में सफल रहा है. शासकीय कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने इस दौरान अपने कर्तव्यों को निर्वहन करते हुए बेहतर कार्य किया. जिसके परिणामस्वरूप 98 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण समयबद्ध तरीके से हो पाया.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने जशपुर के दोकड़ा ग्राम पहुंचे थे. यहां उन्होंने समाधान शिविर में सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की जमीनी हकीकत जानी. इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की. उन्होंने यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए ₹20 लाख की राशि देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा की.

सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में किया गया. पहला चरण 08 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आयोजित हुआ. जिसमें आम जनता से उनकी समस्याओं और मांगों से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए हैं. ये आवेदन समाधान पेटी, शिविर और ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से लिए गए. आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर की गई थी. हाटबाजारों में भी आवेदनों का संग्रह किया गया है. दूसरे चरण में इन प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड कर संबंधित विभाग, जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजकर उनके गुणवत्तापूर्ण निराकरण की कार्रवाई की गई.

तीसरे एवं अंतिम चरण 05 मई से 31 मई तक चली. इस दौरान जिले के 08 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर का आयोजन किया गया. नगरीय निकायों में भी शिविर लगाए गए. इस दौरान जिले में कुल 54 समाधान शिविर आयोजित किए गए. इन शिविरों में आवेदकों को उनके आवेदनों पर अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी दी गई. शिविरों में नए आवेदन भी लिए गए और जिन मामलों का समाधान वहीं संभव हुआ, उनका मौके पर ही निराकरण किया गया. जिले में शिविर आयोजन के सुबह श्रमदान, खेल प्रतियोगिता एवं योग प्रशिक्षण सहित विभिन्न कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

शिविरों में आयुष्मान कार्ड, सिकल सेल स्क्रिनिंग, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन, एन.आर.एल.एम. लखपति दीदी, कृषि, उद्यानिकी, केसीसी, फसल बीमा, राजस्व परामर्श केन्द्र व राजस्व मितान, दिव्यांगों को उपकरण वितरण, उज्जवला योजना, राशन कार्ड, महतारी वंदन योजना से संबंधित जानकारियों को विभागों द्वारा प्रदर्शित कर जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई. साथ ही पात्र हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत् सामग्रियों का वितरण भी किया गया.

Advertisements