उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्राचीन कूप से सटी हुई सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाए गए कब्रिस्तान को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. यह कार्यवाही भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में राजस्व विभाग की टीम ने पैमाइश कराने के बाद की. साथ ही कब्रिस्तान बनाकर किए गए अवैध कब्जे को हटवाकर प्रशासन ने सरकारी जमीन की बाउंड्री कराकर कब्जे में ले लिया है.
दरअसल, संभल सदर कोतवाली इलाके के मंडी किशनदास सराय में पिछले दिनों मिले प्राचीन चतुर्मुख कूप पर डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसडीएम वंदना मिश्रा पहुंचे थे. जहां प्राचीन कूप के बराबर की जमीन सरकारी होने और सरकारी जमीन पर कब्रिस्तान होने की शिकायत सामने आई थी. जिसके बाद डीएम ने एसडीएम को मामले की जांच पड़ताल करके कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे. सोमवार को तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह और नायब तहसीलदार सतेंद्र कुमार, राजस्व विभाग की टीम और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) व पीएसी को लेकर बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंचे.
जहां तहसीलदार ने चतुर्मुख कूप से सटी हुई सरकारी जमीन पर बने हुए कब्रिस्तान में सरकारी जमीन वाले हिस्से की नपाई कराई. नपाई के दौरान पाया गया कि कब्रिस्तान की भूमि के अलावा एक बीघा सरकारी जमीन पर भी कब्रिस्तान बना हुआ था. जिसके बाद प्रशासन ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाए गए एक बीघा जमीन पर बने कब्रिस्तान के हिस्से को ढहा दिया है. वहीं प्रशासन ने बुलडोजर से नींव की खुदाई कराकर बाउंड्री बनाने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है.
तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आलम सराय इलाके में स्थित बंजर भूमि पर कब्रिस्तान बनाकर कब्जा कर लिया गया था. एसडीएम कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई की गई लेकिन सुनवाई में कब्रिस्तान के कुछ हिस्से की भूमि बंजर भूमि यानी सरकारी जमीन होने की बात सामने आई. जिस पर गलत तरीके से कब्रिस्तान बनाकर कब्जा किया गया था. इस मामले में मौके पर पहुंचकर 65 एयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई है.