छत्तीसगढ़ में सिनॉप्टिक सिस्टम के बदलाव से मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है। प्रदेश में अगले दो और दिन ड्राई रहेंगे। इस दौरान सिर्फ कुछ जगहों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। वहीं बारिश नहीं होने से औसतन तापमान में 2-4 डिग्री तक वृद्धि हो सकती है, जिससे गर्मी बढ़ेगी।
मौसम विभाग ने आज रायपुर, जशपुर समेत 22 जिलों में थंडर स्टॉर्म का यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में गरज-चमक के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। बिजली गिर सकती है। इसके अलावा बाकी बचे अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहेगा।
वहीं पिछले 24 घंटे की बात करें तो बिलासपुर सबसे गर्म रहा। यहां अधिक तापमान 39.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
मई में 360% ज्यादा बारिश
मई के शुरुआती 20-25 दिन तेज गर्मी वाले होते हैं। इस दौरान दिन का तापमान अपने उच्चतम स्तर यानी 46-47 डिग्री तक पहुंच जाता है। छत्तीसगढ़ में दिन का औसत तापमान 38 डिग्री से ऊपर ही रहता है। दो-तीन दिन लू भी चलती है। इसके विपरीत इस साल पूरे महीने मौसम ठंडा रहा।
इसका कारण लगातार 24 तरह के सिस्टम बने हैं। 31 में से 24 दिन बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और लगे हुए तटीय राज्यों में मजबूत सिस्टम बने हैं। इन सिस्टम के कारण समुद्र से आने वाली नम हवा ने छत्तीसगढ़ में बारिश कराई है। इस साल छत्तीसगढ़ में मई के महीने में 360 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।
आमतौर पर मई के महीने में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में लगातार सिस्टम बनते हैं। इनकी संख्या तय नहीं है। फिर भी इस साल अपेक्षाकृत अधिक सिस्टम बने हैं। यही वजह है कि लगातार गहरे बादल बने। सिस्टम के कारण स्थानीय प्रभाव से छत्तीसगढ़ के ऊपर सिस्टम बने। बारिश भी हुई।
29 मई से मानसून छत्तीसगढ़ में आगे नहीं बढ़ा
इस साल बस्तर में मानसून 27 मई को ही पहुंच गया। अगले दो दिनों में मानसून बस्तर तथा गरियाबंद के कुछ इलाकों तक पहुंच गया। इसके बाद यह पिछले चार दिनों से अपनी जगह पर ठहरा हुआ है। रायपुर में मानसून की एंट्री नहीं हुई है। इसलिए फिलहाल मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ में मानसून की बारिश शुरू नहीं हुई है।
बारिश की रफ्तार में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव
पिछले 6 दिन में बारिश की रफ्तार भी फ्लेक्चुएट होती रही है। जहां बीते बुधवार को 74 इलाकों में बारिश हुई है। गुरुवार को सिर्फ 27 इलाकों में बारिश हुई है। शुक्रवार को 25, शनिवार को 20, रविवार को 33 और सोमवार को सिर्फ तीन जगहों पर ही न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई।
गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।
लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।