इटावा: एक चौंकाने वाले मामले में, जसवंतनगर के मलाजनी गाँव की एक विधवा महिला, शारदा देवी, को ज़मीन संबंधी धोखाधड़ी का गंभीर परिणाम भुगतना पड़ा है. उन्होंने एक मकान खरीदने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये का भुगतान किया, लेकिन अब उन्हें उस मकान की नीलामी का नोटिस मिला है, जिस पर विक्रेता ने पहले से ही होम लोन ले रखा था. यह घटना एक ऐसे धोखे को उजागर करती है जहाँ एक बेघर महिला को वित्तीय और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है.
शारदा देवी ने बताया कि उन्होंने 16 मार्च 2024 को विनेश कुमार नामक व्यक्ति से 1080 वर्ग मीटर का एक मकान खरीदा था. उन्होंने ईमानदारी से मकान की पूरी कीमत का भुगतान किया और विधिवत रूप से उसका बैनामा भी अपने नाम करा लिया. उन्हें लगा कि अब उनके पास अपना एक सुरक्षित आशियाना है, लेकिन उनकी यह खुशी ज़्यादा दिनों तक नहीं टिकी। कुछ समय बाद ही उन्हें एक बैंक से मकान की नीलामी का नोटिस मिला, जिसने उनके होश उड़ा दिए.
नीलामी के इस नोटिस ने शारदा देवी को गहरा सदमा पहुँचाया. उन्हें पता चला कि विनेश कुमार और उनकी पत्नी पूनम कुमारी ने वर्ष 2023 में, यानी मकान बेचने से पहले ही, उसी संपत्ति पर आधार हाउसिंग फाइनेंस से ₹6,84,214 का होम लोन ले रखा था. बैंक द्वारा भेजे गए नोटिस में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अब यह बकाया राशि बढ़कर ₹7,84,932 हो गई है. नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि अगले 60 दिनों के भीतर इस राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक मकान की नीलामी कर देगा.
शारदा देवी ने धोखाधड़ी के इस कृत्य पर विनेश कुमार से संपर्क करने की कई बार कोशिश की, लेकिन उनकी सभी कोशिशें नाकाम रहीं। विनेश कुमार या तो उनका फोन नहीं उठाते या फिर झूठे आश्वासन देकर मामले को टालते रहते हैं। इस बीच, शारदा देवी को यह भी जानकारी मिली कि विनेश के पिता ने यह मकान दानपत्र के माध्यम से उसके नाम कर दिया था, जिससे इस मामले की पेचीदगी और बढ़ गई है.
अपनी आपबीती और न्याय की उम्मीद के साथ, पीड़िता शारदा देवी ने उपजिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत को लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, उपजिलाधिकारी ने तुरंत कार्रवाई की और मामले को थाना पुलिस को भेजते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि धोखाधड़ी के इस जाल को सुलझाया जा सके और शारदा देवी को उनका हक मिल सके.