श्योपुर : ग्राम रोजगार सहायकों पर लगातार हो रही कार्रवाइयों और मानसिक-शारीरिक शोषण को लेकर प्रदेशभर में नाराजगी बढ़ती जा रही है.इसी को लेकर एक ज्ञापन ग्राम रोजगार सहायक संघ, मनरेगा ग्राम रोजगार सहायक महासंघ और पंचायत सहायक सचिव कर्मचारी संघ के संयुक्त संगठन ने प्रदेश सरकार के रवैये पर गंभीर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है.
ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम रोजगार सहायकों ने बीते 15 वर्षों से पंचायत स्तर की योजनाओं को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से धरातल पर लागू किया है, लेकिन अब अधिकारियों द्वारा सिर्फ उन्हें ही टारगेट कर प्रताड़ित किया जा रहा है.कार्य से पृथक करना, मानदेय रोकना और वेतन में कटौती जैसी कार्रवाइयाँ तेजी से की जा रही हैं.
ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि कटनी और रीवा जिलों में कई सहायकों को पद से हटाया गया है, जबकि योजनाओं की जिम्मेदारी में पंचायत सचिव, तकनीकी अमला और निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी समान रूप से भागीदार होते हैं.बावजूद इसके केवल ग्राम रोजगार सहायकों को ही दोषी ठहराया जा रहा है.
सबसे चिंता की बात यह है कि पिछले तीन महीनों में 30 से अधिक ग्राम रोजगार सहायकों की असमय मृत्यु हो चुकी है, लेकिन न तो शासन ने इस पर संज्ञान लिया है और न ही उनके परिवारों को कोई मृत्यु अनुग्रह सहायता या अनुकंपा नियुक्ति दी गई है. संगठन ने इस उपेक्षा को अमानवीय और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है.
ज्ञापन में मांग की गई है कि ग्राम रोजगार सहायकों पर हो रही कार्रवाईयों पर तत्काल रोक लगाई जाए और मृतक सहायकों के परिजनों को न्याय दिलाया जाए.यदि मांगे नहीं मानी गईं तो संगठन आंदोलन का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य होगा.