भारत का खुदरा (Retail) बाजार एक नई क्रांति के दौर से गुजर रहा है. एक तरफ जहां पारंपरिक ई-कॉमर्स अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, वहीं अब क्विक कॉमर्स (Quick Commerce) तेज़ रफ्तार से लोकप्रियता हासिल कर रहा है.
2025 की पहली छमाही में ही क्विक कॉमर्स ने 50% से अधिक ग्रोथ दर्ज की है, और यह वर्ष के अंत तक 75–85% की दर तक पहुंचने की उम्मीद है.
इस ट्रेंड पर चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से युवा उद्यमी अमंदीप सिंह भाटिया, जो गिफ्ट प्रोडक्ट स्टार्टअप Gift Kya De और न्यूज ऐप Newzo से जुड़े हैं, ने अपने LinkedIn पोस्ट में इस विषय पर गहराई से विचार रखे.
उनके अनुसार:
> “Quick commerce अब सिर्फ ट्रेंड नहीं, बल्कि भारत में शॉपिंग का नया तरीका बनता जा रहा है। जहाँ पहले लोग 2–3 दिन में डिलीवरी का इंतज़ार करते थे, अब 10 मिनट में समान घर आ जाए तो खुशी होती है — और यही कस्टमर बिहेवियर बदल रहा है.”
बाजार का तुलनात्मक विश्लेषण:
सेक्टर 2024 का बाज़ार आकार 2025 अनुमानित आकार खुदरा में हिस्सेदारी
कुल खुदरा बाजार $952 अरब – 100%
ई-कॉमर्स $107.7 अरब ~$130–140 अरब ~13–14%
क्विक कॉमर्स ~$3.5–4 अरब $5 अरब ~0.5%
हाल ही में अमनदीप सिंह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
> “Speed is the new loyalty. जो ब्रांड फास्ट डिलीवरी, क्वालिटी और पैकेजिंग पर फोकस करेगा, वही मार्केट का किंग बनेगा.”
उनके अनुसार, क्विक कॉमर्स का यह ग्रोथ पैटर्न स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है – विशेष रूप से ऐसे बिज़नेस जो हाइपरलोकल लॉजिस्टिक्स, AI और कस्टमर एक्सपीरियंस पर काम कर रहे हैं.
भविष्य क्या कहता है?
आज भी क्विक कॉमर्स का भारत के कुल खुदरा बाजार में हिस्सा सिर्फ 0.5% है, लेकिन जिस गति से ये बढ़ रहा है, वो बताता है कि अगले 5 वर्षों में यह एक बड़ा बदलाव ला सकता है.
आपका क्या मानना है?
क्या क्विक कॉमर्स भारत की नई जरूरत बन जाएगा? या लागत और इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियां इसे सीमित कर देंगी?
इस विषय पर अमनदीप सिंह जैसे फाउंडर्स की राय भारत के तेजी से बदलते खुदरा परिदृश्य को समझने में बेहद अहम साबित हो रही है.
लेखक: अमनदीप सिंह
डायरेक्टर, Gift Kya De
ई-कॉमर्स एक्सपर्ट
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