यूपी के बहराइच जिले में अपनी मां के साथ सोए एक मासूम बच्चे को आदमखोर जंगली जानवर उठा ले गया. काफी खोजबीन के बाद रात में बच्चे का पता नहीं चला. सुबह उस बच्चे का क्षत विक्षत शव गन्ने के खेत से बरामद हुआ है. घटना के बाद जहां एक ओर इलाके के लोग इसे भेड़िए का हमला मानकर दहशत में हैं, वहीं जिले के डीएफओ ने घटनास्थल पर सियार का फुटमार्क मिलने की बात कही है. उन्होंने भेड़िए के हमले की बात को नकार दिया है. जबकि, क्षेत्रीय बीजेपी विधायक ने डीएफओ के बयान को असंवेदनशील बताकर उन्हें जिले से हटाने की मांग की है.
दरअसल, अपनी ससुराल कोतवल कला से अपने मायके थाना हरदी क्षेत्र के ग़दमार गढ़ीपुरवा घूमने आई खुशबू ने बताया कि 2/3 जून की रात गांव में जब वह अपने दो वर्षीय पुत्र आयुष व बेटी के साथ घर के बरामदे में सोई थी उसी दौरान रात में भेड़िया आया और उसके बच्चे को उठा ले गया. जब उसने देखा तो वह उसके पीछे-पीछे दौड़ी लेकिन उसे पकड़ नहीं सकी. रात में बच्चे को बहुत ढूंढा गया लेकिन वह नहीं मिला. सुबह गन्ने के खेत में उसकी लाश मिली. भेड़िया उसके बच्चे का हाथ व पैर खा गया था. बच्चे के मुंह पर जानवर के दांत व सीने पर पंजे के निशान मिले थे. घटना के बाद से इलाके में एक बार फिर भेड़िए के हमले की याद ताजा हो गई है.
इस घटना पर वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अजीत सिंह ने बताया कि घटनास्थल से उन्हें जो पगमार्क मिले हैं वह सियार के हैं. वहीं, जब उनकी टीम ने ड्रोन से तस्वीरें ली तो उस क्षेत्र में दो सियार भी नजर आए.
डीएफओ के बयान पर भड़के बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह
उधर, डीएफओ अजीत सिंह के बयान पर महसी से क्षेत्रीय बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें बहराइच से हटाने की मांग की है. घटना की सूचना पर क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह ने गढ़ी गांव जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उसे ढाढस बंधाया और डीएफओ के बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया.
उन्होंने कहा कि जब वो बहराइच से प्रभावित क्षेत्र की ओर आ रहे थे तो वन विभाग की गाड़ियां उन्हें रास्ते में सड़क के किनारे खड़ी मिलीं और कर्मचारी उसी में बैठे थे. इस जिले में वन विभाग के एसडीओ जिनके पास डीएफओ का प्रभार है वो अपने को बहुत ज्ञानी समझते हैं, वो न ही मौके पर गए न ही घटने के कारण का पता लगाया, बस बता दिया कि इस घटना को सियार ने किया है.
बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि क्षेत्र की चार लाख जनता ने उन्हें चुना है इसलिए उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मेरी है. मैं अपनी बंदूक लेकर निकला था, वो इसलिए की अगर कोई जंगली जानवर किसी बच्चे को उठाकर भागे तो मुझे किसी हथियार की प्रतीक्षा न करनी पड़े.
इलाके में आदमखोर की दहशत
गौरतलब है लगभग 9 महीने पहले इसी महसी इलाके में आदमखोर भेड़िए के हमले में एक महिला समेत 10 मासूमों की जान चली गई थी. साथ ही कई अन्य घायल हो गए थे. उस दौरान क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह ग्रामीणों को सुरक्षा देने के लिए बंदूक लेकर स्वयं रात-रात जाग कर घूम रहे थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं भेड़िया प्रभावित महसी इलाके का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें सरकारी सहायता प्रदान की थी. सीएम ने लोगों को आश्वासन भी दिया था कि जब तक सारे भेड़िए पकड़ नहीं लिए जाते तब तक वन विभाग क्षेत्र में काम करता रहेगा. लेकिन अब एक बार फिर इलाके में हुई इस नई घटना से लोग सहमे हैं और आदमखोर की दहशत लोगों के चेहरे पर साफ दिखाई पड़ रही है.