अयोध्या: जहां एक ओर देशभर में राम दरबार की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां ज़ोरों पर हैं, वहीं अयोध्या से एक मिसाल बनती कहानी सामने आई है, जो गंगा-जमुनी तहज़ीब की जीती-जागती तस्वीर पेश करती है। अयोध्या के बीचों-बीच बसे एक बाग से, जहां हर सुबह फूलों की महक से वातावरण गूंजता है, वहीं इन फूलों को तोड़कर प्रभु श्रीराम के चरणों में चढ़ाने का काम कर रहा है एक मुस्लिम शख्स अनीश मोहम्मद.
जी हां, वही अनीश मोहम्मद जिनकी बगिया से रामलला के लिए फूल भेजे जा रहे हैं. मंदिर में चढ़ने वाले ये पुष्प कोई आम फूल नहीं, बल्कि वह प्रतीक हैं उस धर्म-सामंजस्य और भाईचारे के जो अयोध्या की मिट्टी में रचे-बसे हैं.
पांच पीढ़ियों की आस्था
अनीश मोहम्मद बताते हैं कि उनका परिवार करीब पांच पीढ़ियों से प्रभु श्रीराम की सेवा कर रहा है। उनके पूर्वजों ने भी इसी बगिया में फूल उगाकर, उन्हें मंदिर तक पहुंचाया था. अनीश खुद सुबह-सुबह फूल तोड़ते हैं और अपने हाथों से मंदिर के पुजारियों को देते हैं, ताकि वे उन फूलों को श्रीराम के चरणों में अर्पित करें.
उनका कहना है, “राम हमारे भी हैं। हमें गर्व है कि हम रामलला की सेवा में सहभागी हैं। हमारा अयोध्या हमेशा से एकता की मिसाल रहा है और आज भी है.”
राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा में भी रहे सहभागी
5 जून को राम मंदिर में राजा राम के रूप में श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. अब तक बालरूप में दर्शन दे रहे प्रभु श्रीराम, अब राजसी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे. इस ऐतिहासिक पल में शामिल होने के लिए अनीश मोहम्मद के फूलों को चुना गया है। उन्होंने कहा कि उनके फूलों से श्रीराम का श्रृंगार होना उनके लिए सौभाग्य की बात है.
सीएम योगी से मिलना चाहते हैं अनीश
अनीश मोहम्मद ने इच्छा जताई है कि अगर उन्हें अवसर मिले तो वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यह साझा करना चाहेंगे कि कैसे उनके पूर्वजों ने श्रीराम की सेवा फूलों के माध्यम से की है. उनका मानना है कि राम मंदिर के बनने से सिर्फ आस्था को ही नहीं, बल्कि व्यापार को भी नई गति मिली है.
“टूरिज्म बढ़ा है, रोज़गार बढ़ा है, और सबसे बड़ी बात – दिलों की दूरियां कम हुई हैं। राम मंदिर सबका है।” – अनीश मोहम्मद
101 वैदिक विद्वानों की अगुवाई में अनुष्ठान
काशी के प्रकांड विद्वान जयप्रकाश की अगुवाई में देशभर के 101 वैदिक विद्वान राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे.
अनीश मोहम्मद और उनका परिवार यह संदेश दे रहा है कि धर्म सिर्फ पहचान नहीं, सेवा और सम्मान का माध्यम भी हो सकता है. अयोध्या से निकली ये खुशबू अब पूरे देश में भाईचारे और सौहार्द की मिशाल बन रही है.
रामलला के दरबार में जब बगिया के ये फूल चढ़ेंगे, तो सिर्फ श्रद्धा नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता की महक भी पूरे वातावरण में फैलेगी.