गोंडा : शहर में बुधवार रात एक सनसनीखेज घटना का पर्दाफाश हुआ, जिसने कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाले अपराधियों की पोल खोल दी.शहर के शालीमार होटल में एक व्यक्ति को बंधक बनाकर सात लाख रुपये की फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में मुख्य आरोपी ‘अवध केसरी सेना’ का राष्ट्रीय महामंत्री अमरपाल सिंह उर्फ नील ठाकुर निकला, जो पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था.
होटल बना फिरौती का अड्डा, रात 12 बजे छापा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, देहात कोतवाली क्षेत्र स्थित शालीमार होटल के कमरे नंबर 103 में एक व्यक्ति को जबरन कैद कर फिरौती मांगी जा रही थी.पीड़ित मुकेश कुमार, जो बनारस का रहने वाला है, को स्कॉर्पियो में अगवा कर गोंडा लाया गया था.उसकी लोकेशन और स्थिति की सूचना मिलते ही पुलिस ने बिना देर किए होटल पर रात 12 बजे छापा मारा और मुकेश को सुरक्षित बाहर निकाला.
पुलिस की फुर्ती से बची जान
मुकेश के परिजनों ने जब उसके लापता होने की सूचना देहात कोतवाली को दी, तब पुलिस ने गंभीरता से मामला लिया और लोकेशन ट्रैक कर होटल तक पहुंच गई। छापेमारी के दौरान अमरपाल सिंह, उसके दो साथी शिवकुमार चौबे और खुशीराम वर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से पंजाब नंबर की एक काली स्कॉर्पियो भी बरामद की गई, जिसका इस्तेमाल अपहरण में किया गया था.
कर्ज की वसूली बना अपहरण की वजह
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी अमरपाल ने मुकेश को सात लाख रुपये ब्याज पर उधार दिए थे। जब मुकेश रकम नहीं लौटा सका और बनारस में रोजगार की तलाश में चला गया, तब अमरपाल ने अपने साथियों के साथ उसे अगवा कर गोंडा ले आया और बंधक बनाकर रकम की मांग करने लगा.
पहले से आपराधिक रिकॉर्ड वाला निकला अमरपाल
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने अमरपाल सिंह उर्फ नील ठाकुर का रिकॉर्ड खंगाला, तो पता चला कि उसके खिलाफ गोंडा के कई थानों में आपराधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इसके बावजूद वह ‘अवध केसरी सेना’ नामक संगठन की आड़ में खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताकर प्रभाव जमाता रहा.
पुलिस का सख्त रुख
देहात कोतवाली प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया,
“पीड़ित मुकेश कुमार को सकुशल मुक्त कराकर तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.आगे की कानूनी कार्रवाई चल रही है.”
वहीं अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार रावत ने सख्त लहजे में कहा—
<span;>> “कानून से बड़ा कोई नहीं। कोई व्यक्ति चाहे किसी संगठन से जुड़ा हो या खुद को नेता कहे, अपराध करने पर कार्रवाई तय है।”
मुख्य बिंदु संक्षेप में-
🔹 बनारस से अगवा, गोंडा के होटल में बंधक
🔹 सात लाख की फिरौती मांगने का मामला
🔹 ‘अवध केसरी सेना’ का नेता निकला मास्टरमाइंड
🔹 स्कॉर्पियो से अपहरण, होटल में कैद, रात में छापा
🔹 पुलिस की सतर्कता से पीड़ित की जान बची
गोंडा पुलिस की इस तेज और सटीक कार्रवाई ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया और यह दिखा दिया कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए अब कानून से बचना आसान नहीं है.