चंदौली। : विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति की वाराणसी में आयोजित हाई-प्रोफाइल बैठक में चंदौली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की कार्यशैली कटघरे में आ गई. बुधवार को वाराणसी सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में समिति के सभापति धर्मेंद्र भारद्वाज के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम ने स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति पर सवाल किए। चंदौली के सीएमओ अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे, जिससे वे सवालों के सटीक जवाब देने में विफल रहे.
समिति ने इस लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीएमओ को जौनपुर में होने वाली अगली बैठक में सभी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया.समिति ने साफ किया कि यदि अगली बैठक में भी जानकारी अधूरी पाई गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
बैठक में चंदौली में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं, आयुष्मान भारत योजना, और टीकाकरण अभियानों की प्रगति की समीक्षा की गई। सीएमओ इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का ठोस डेटा प्रस्तुत करने में विफल रहे। इस पर समिति ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में ऐसी लापरवाही स्वीकार्य नहीं है.
हालांकि बैठक में अन्य विभागों जैसे समाज कल्याण, शिक्षा, और पंचायतीराज के कामकाज की समीक्षा की गई, लेकिन चंदौली के सीएमओ का प्रदर्शन सबसे कमजोर साबित हुआ.
विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) आशुतोष सिन्हा ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सख्त कदम उठाने की वकालत की। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जनता की अनदेखी करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा.
अब समिति की नजर जौनपुर में होने वाली अगली बैठक पर है, जहां चंदौली के सीएमओ को स्वास्थ्य योजनाओं से जुड़ी सभी जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। यदि इस बार भी वे समिति को संतुष्ट नहीं कर सके, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई लगभग तय है.
इस बैठक ने चंदौली के स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर कर दिया है। यह देखना होगा कि अगली बैठक में सीएमओ अपनी स्थिति को कैसे सुधारते हैं.