MP में साइबर अपराध पीड़ितों को मिली राहत, ठगी की सूचना देने पर खुद कॉल करेगा कॉलसेंटर

भोपाल। अब साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों को हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने के बाद टेली-कॉलर के जवाब का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मध्यप्रदेश साइबर पुलिस ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसमें पीड़ित को कॉल करने के पांच मिनट के भीतर संबंधित जोनल आउटबाउंड कॉल सेंटर से रिटर्न कॉल किया जाएगा और उनकी शिकायत दर्ज की जाएगी। इस व्यवस्था से पीड़ितों को तेज और प्रभावी मदद मिल रही है।

Advertisement

इन शहरों में नए आउटबाउंड कॉल सेंटर स्थापित किए गए हैं, जो आसपास के जिलों की साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों को संभालेंगे।

जब कोई व्यक्ति 1930 पर कॉल करता है, तो वह कॉल डायल-100 पर जाती है, जहां प्राथमिक जानकारी जैसे ठगी की राशि, समय और स्थान लेकर एक इवेंट जनरेट किया जाता

यह जानकारी उस जोन के आउटबाउंड कॉल सेंटर को भेज दी जाती है, जहां से टेलीकॉलर पीड़ित को रिटर्न कॉल कर विस्तृत जानकारी लेते हैं और NCCRP पोर्टल पर दर्ज करते हैं।

कॉल ड्रॉप से राहत

पहले की व्यवस्था में 1930 पर कॉल करने वाले 70% लोगों की कॉल ड्रॉप हो जाती थी। केवल 30% पीड़ितों से ही बातचीत हो पाती थी। लेकिन अब पुलिस का दावा है कि इस नई प्रणाली से 60% पीड़ितों तक पहुंच संभव हो सकी है और यह आंकड़ा लगातार बेहतर हो रहा है।

शिकायतों की प्राथमिकता भी तय

साइबर अपराध की शिकायतों को उनकी गंभीरता और ठगी की राशि के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

₹2 लाख से कम की ठगी

₹2 लाख से अधिक की ठगी

जिन मामलों में ठगी की राशि ज्यादा होती है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हैंडल किया जाता है। इससे संबंधित बैंक खातों पर समय रहते रोक लगाकर पीड़ितों की राशि को बचाया जा सकता है।

नई और पुरानी व्यवस्था में अंतर

पुरानी व्यवस्था में कॉल सीधे डायल-100 पर जाकर साइबर डेस्क को ट्रांसफर होती थी, जिससे लंबा इंतजार और कॉल ड्रॉप की समस्या सामने आती थी। अब, पीड़ित को सिर्फ एक बार कॉल करना होगा और कॉल सेंटर से उसे खुद फोन करके पूरी प्रक्रिया पूरी की जाएग

अधिकारियों का क्या कहना है?

प्रणय नागवंशी, एसपी, स्टेट साइबर पुलिस ने बताया कि साइबर अपराध की शिकायतों को तेजी से निपटाने के लिए पांच अलग-अलग जोन में आउटबाउंड कॉल सेंटर शुरू किए गए हैं। इसका उद्देश्य अधिकतम पीड़ितों तक पहुंच बनाकर साइबर अपराधों को नियंत्रित करना है।

Advertisements