पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की ओर से चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक अभियान के दौरान वॉशिंगटन डीसी में एक अनोखा और भावुक पल देखने को मिला, जब कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर से सवाल पूछने वाले कोई और नहीं, बल्कि उनके बेटे ईशान थरूर निकले.
ईशान पेशे से जर्नलिस्ट हैं, उन्होंने अपने पिता शशि थरूर से मज़ाकिया लहजे में ‘व्यक्तिगत क्षमता में और आपसे मिलने के बहाने’ सवाल पूछने की इजाज़त मांगी और फिर आतंकवाद पर एक गंभीर सवाल दाग दिया. हालांकि जैसे ही ईशान ने माइक लिया, शशि थरूर मुस्कुराए और उन्हें जवाब देने से पहले इसे ठीक से उठाने के लिए इशारा किया.
वहीं, ईशान थरूर ने पूछा कि क्या किसी देश ने भारत से सबूत मांगा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ है, क्योंकि पाकिस्तान बार-बार इनकार करता आया है?
इस पर शशि थरूर मुस्कराए और बोले कि मुझे खुशी है कि आपने यह सवाल उठाया. मैंने ये सब पहले से तय नहीं किया था, वादा करता हूं कि ये लड़का अपने पिता के साथ भी ऐसा करता है. शशि थरूर ने जवाब देते हुए कहा कि किसी भी विदेशी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सबूत नहीं मांगे. उन्होंने कहा कि भारत ने पूरा भरोसा होने पर ही कार्रवाई की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी जानता है कि पाकिस्तान लगातार आतंक को समर्थन देता आया है.
थरूर ने ओसामा बिन लादेन और 26/11 हमलों का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को भेजता है और फिर हाथ खड़े कर देता है. इसके साथ ही शशि थरूर ने अमेरिका द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात को सिरे से खारिज किया और कहा कि मध्यस्थता शब्द ही हमें मंज़ूर नहीं है. इससे एक समानता का संकेत मिलता है, जो हकीकत में नहीं है. उन्होंने दो टूक कहा कि एक तरफ़ पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देने वाला देश है और दूसरी तरफ़ लोकतांत्रिक भारत. दोनों की कोई तुलना नहीं.