मऊगंज : गंगा स्नान से लौटते वक्त हुए भीषण सड़क हादसे ने भमरा गांव को गहरे शोक में डुबो दिया है.यह हादसा सिर्फ सात जिंदगियों का अंत नहीं था, बल्कि एक पूरे परिवार और गांव की उम्मीदों का भी अंत बन गया.
5 जून की सुबह सोहागी पहाड़ के पास उस वक्त चीख-पुकार मच गई, जब श्रद्धालुओं से भरी एक ऑटो पर सीमेंट शीट लदा ट्रेलर पलट गया.इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित सात लोगों की मौत हो गई.
6 जून को जब गांव में रामजीत जैसवाल, उनकी पत्नी पिंकी, 10 वर्षीय बेटा शिवम और बुजुर्ग पिता हीरालाल की चिताएं एक साथ जलीं, तो पूरा गांव सिसक उठा.हजारों की संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए.चार अर्थियों का एक साथ उठना, एक साथ अग्नि संस्कार होना — यह मंजर इतना मार्मिक था कि हर आंख नम हो गई.
रामजीत जैसवाल पेशे से चाट-फुल्की विक्रेता थे और उमरिया में रहकर रोजी-रोटी चलाते थे.हाल ही में उन्होंने एक ऑटो खरीदी थी जिससे वे व्यापार का सामान लाते-ले जाते थे.3 जून को वे अपने परिवार सहित गांव लौटे थे और 4-5 जून की रात प्रयागराज गंगा स्नान के लिए निकले थे.दुर्भाग्यवश, लौटते वक्त ट्रेलर के पलटने से उनकी जीवन यात्रा यहीं समाप्त हो गई.
इस हादसे में तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है.मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम रीवा में किया गया, जिसके बाद 6 जून को दोपहर अंतिम संस्कार संपन्न हुआ. पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी.