वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अब एक कदम और बढ़ा दिया है. केंद्र सरकार ने ‘Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development’ पोर्टल लॉन्च कर दिया है. इसे संक्षेप में उम्मीद पोर्टल कहा जा रहा है. इस मौके पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में ये पोर्टल खास भूमिका निभाएगा. ये पोर्टल वक्फ़ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए एकल खिड़की आधार होगा.
यह पोर्टल लॉन्च होने के छह महीने के भीतर वक्फ़ करने वाले और वक्फ की गई संपत्ति के संबंध में सभी जानकारियों के साथ मुतवल्ली यानी वक्फ संपदा के प्रबंधक इस पोर्टल में दर्ज करेंगे. फिर जिला या वक्फ़ बोर्ड के सक्षम अधिकारी सारी जानकारी को सत्यापित यानी वेरिफाई करेंगे. फिर 17 डिजिट की यूनिक आईडी जारी की जाएगी. वक्फ की गई संपत्ति से जुड़ी सभा जानकारियां पोर्टल पर अपलोड होने के बाद किसी को वक्फ संपत्ति पर आपत्ति हो तो वह भी दर्ज कराई जा सकेगी.
वक्फ की गई संपत्ति पर आपत्ति या किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में अपील के लिए तीन स्तर की व्यवस्था होगी. उम्मीद की लॉन्चिंग के साथ ही अब यह साफ हो गया है कि वक्फ की गई किसी भी संपत्ति की डिटेल जानकारी सिर्फ एक क्लिक से देखी, जानी और समझी जा सकेगी. ये उम्मीद पोर्टल ऐसे समय में लॉन्च किया गया है, जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सरकार के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान कर चुका है.
उम्मीद पोर्टल लॉन्च करने के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह पोर्टल वक्फ़ संपत्तियों के बेहतर, पारदर्शी, सक्षम और सुविधाजनक प्रबंधन में क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और वक्फ़ बोर्ड समय सीमा का ध्यान रखें. पहले संपत्ति का रजिस्ट्रेशन हो जाए, उसके बाद उसके प्रबंधन और विकास के काम को अंजाम दिया जाएगा. इससे वक्फ़ संपत्ति का गुपचुप तरीके से दुरुपयोग रुकेगा.
पहले जानकारी के अभाव में मुट्ठी भर लोगों के अलावा किसी को पता ही नहीं होता था कि कौन-कौन सी संपत्ति वक्फ की है. अब सभी को सब पता रहेगा. मंत्रालय पोर्टल शुरू करने के साथ इसे फॉलो अप भी करेगा. सेंट्रल वक्फ़ काउंसिल, राज्यों के वक्फ बोर्ड और मंत्रालय की तकनीकी टीम ने इस पोर्टल को समावेशी बनाने में कड़ी मेहनत की है.