सुपौल: सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की नियमित व समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर विभाग ने ई-शिक्षा कोष ऐप से हाजिरी अनिवार्य की है.
ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था के बाद भी शिक्षक हैं कि वे अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. स्थिति सिर्फ शिक्षकों के विलंब से आने की होती तो दूसरी बात थी. यहां तो हाजिरी बनाते हैं शिक्षक और इन टाइम सेल्फी एटेंडेंस में फोटो दिखाई देता हेड मिस्ट्रेस का.
बात यहीं नहीं रुकती है। एक शिक्षक तो 22 दिनों तक एक ही पोशाक व एक ही जगह पर खड़े होकर हाजिरी बनाते हैं. ऐसे शिक्षक का 22 दिनों तक बनाई गई हाजिरी में एक जैसा फोटो ही अंकित है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की लापरवाही से होती हैं ऐसी गलतियां. फिलहाल, डीपीओ स्थापना ने ई-शिक्षा कोष ऐप पर गलत व मनमाने तरीके से ऑनलाइन हाजिरी बनाने के मामले में एक ही विद्यालय के आठ शिक्षकों को स्पष्टीकरण मांगा है.ये सभी शिक्षक एक ही विद्यालय पिपरा प्रखंड के प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय पिपरा के हैं.
इस विद्यालय के शिक्षक उदय कांत पर आरोप है कि 2 से 28 मई तक कुल 22 दिनों तक ऑनलाइन हाजिरी बनाने के दौरान इन टाइम सेल्फी अटेंडेंस में प्राय एक जैसे फोटो हैं तथा अधिकांश दिनों की उपस्थिति विद्यालय प्रारंभ होने से एक घंटे पूर्व का समय अंकित है, जो संदेहास्पद प्रतीत होता है. इसके अलावा 27 मई को इन टाइम सेल्फी अटेंडेंस में इनके जगह विद्यालय के प्रधानाध्यापिका का फोटो है. शिक्षक अमित कुमार राजा के द्वारा दो से 28 मई द्वारा दर्ज की गई ऑनलाइन हाजिरी की जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि इनके द्वारा अधिकांश दिनों की उपस्थिति में पूर्वाह्न 7 से 8 बजे अंकित है. इससे प्रतीत होता है कि ये विलंब से विद्यालय पहुंचते हैं.
शिक्षिका अंजना कुमारी की ऑनलाइन हाजिरी की समीक्षा के दौरान पाया गया कि दो से 28 मई कुल 17 दिनों में उनके द्वारा अधिकांश दिनों में 7 से 7:30 बजे पूर्वाह्न का समय अंकित है. यह शिक्षिका भी विद्यालय में विलंब से पहुंचती हैं. सुलेखा कुमारी की जब दो से 28 मई तक कुल 22 दोनों की ऑनलाइन हाजिरी की समीक्षा की गई तो पाया गया कि उनके द्वारा भी अधिकांश दिनों में 7 से 8:30 बजे की हाजिरी अंकित है.
कुमार राजकमल सुमन के द्वारा बनाई गई ऑनलाइन हाजिरी की जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि 19 मई से 21 मई तक इनकी हाजिरी में अनुपस्थित अंकित है. इससे जाहिर होता है कि ये विद्यालय नियमित रूप से नहीं आते हैं. सोनी कुमारी के द्वारा 2 से 28 मई कुल 19 दिनों की ऑनलाइन हाजिरी की समीक्षा के दौरान पाया गया कि इनके द्वारा भी अधिकांश दिन 7 बजे पूर्वाह्न से 8 बजे तक उपस्थिति दर्ज की गई है.
मुकेश कुमार मिलन द्वारा दर्ज दो से 28 मई कुल 19 दिनों की हाजिरी की जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि उनके द्वारा प्राय 8.39 से 10 बजे तक में हाजिरी बनाई गई है.
डीपीओ ने कहा है कि वैसे भी पता चला है कि उक्त विद्यालय के शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंचते हैं. फिलहाल डीपीओ ने इन सभी शिक्षकों को दो दिनों के अंदर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण देने को कहा है.डीपीओ ने बताया कि ऑनलाइन हाजिरी के साथ छेड़छाड़ करने वाले और कई शिक्षकों पर गाज गिर सकती है.
फिलहाल इस विद्यालय के सभी आठों शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगी गई है.तत्पश्चात कार्यवाही की जाएगी.