राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजया किशोर रहाटकर 2 दिनों के लिए छत्तीसगढ़ दौरे पर थीं। रायपुर में विजया ने छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा और संरक्षण पर विशेष बातचीत की। रहाटकर ने बताया कि POSH एक्ट का प्रभावी इंम्प्लीमेंटेशन न होना बड़ी समस्या है।
इसके अलावा महिलाओं को साइबर ट्रेनिंग की देने पर भी बात जिम्मेदारों से हुई है। रहाटकर ने बताया कि महिला थाना स्टाफ के लिए भी स्पेशल ट्रेनिंग कंडक्ट कराई जाएगी। साथ ही प्री मेरेटियल सेंटर भी प्रदेश में खोलने की सिफारिश की जाएगी।
सवाल: छत्तीसगढ़ में वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर NCW की क्या रिपोर्ट है? क्या “POSH ACT” फॉलो हो रहा है?
जवाब: POSH एक्ट महिलाओं को सेक्सुअल हैरासमेंट से बचाने के लिए बनाया गया बहुत अच्छा एक्ट है, लेकिन इसका प्रभावी इंम्प्लीमेंटेशन होना जरूरी है। मुझे लगता है, छत्तीसगढ़ में इसे लेकर काम किया जा सकता है।
सिर्फ यहां ही नहीं पूरे देश की स्थिति यही है। इस मामले में इंटरनल कमेटी तो बन गई है। लोकल कम्प्लेन कमेटी भी है, लेकिन बस कमेटी बनाने से चीजें सिस्टमेटिक नहीं होंगी। हमें इस डायरेक्शन में इफेक्टिव काम करना होगा।
सवाल: क्या छत्तीसगढ़ सरकार से महिलाओं से संबंधित किसी नीति को लेकर NCW ने सिफारिशों की है?
जवाब: NCW की चेयरपर्सन के तौर पर प्रदेश में मेरा ये पहला प्रवास है। इस प्रवास के दौरान कई सब्जेक्ट सामने आए हैं, जिन पर काम करने की जरूरत है। ये भी सामने आया है कि कुछ अच्छे काम भी हो रहे हैं। सरकार से सिफारिशें की जाएंगी, लेकिन इससे पहले समस्याओं को समझना ज्यादा जरूरी है। अभी तीन चीजें प्राइमरी तौर पर करेंगे:
- महिलाओं के लिए साइबर ट्रेनिंग कंडक्ट कराएंगे।
- ट्राइबल एरिया में महिलाओं की स्थिति पर रिसर्च करने जा रहे हैं। उनके बेहतरी के जो चीजें करनी होगी, उसकी सिफारिश सरकार से करेंगे।
- प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले बढ़े हैं, इसे रोकने के लिए हम रिसर्च करेंगे।
सवाल: छत्तीसगढ़ में प्री मेटेरियल सेटअप बनाने की चर्चा है?
जवाब: NCW ने एक नया इनिशिएटिव लिया है। दरअसल, हमारे यहां पोस्ट मेटेरियल समस्याओं के लिए व्यवस्था है। कोई पीड़ित महिला आयोग, फैमिली कोर्ट या पुलिस के पास जा सकता है। लेकिन आफ्टर मैरिज ऐसा कुछ न हो, या इस तरह के केस कम हो उसके लिए व्यवस्था नहीं है।
ऐसे में प्री मेटेरियल कम्युनिकेशन सेंटर बनाने की जरूरत है। इन सेंटर का नाम हो ‘तेरे–मेरे सपने।’ यहां शादी से पहले युवक और युवती अपने फ्यूचर को लेकर बात कर सकेंगे।