पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेरने के बाद जब सुप्रिया सुले भारत लौट आई हैं. इसी के साथ ही उन्होंने कांग्रेस की विशेष सत्र की मांग को लेकर बड़ा खुलासा किया है. NCP (शरद पवार गुट) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि विपक्ष की तरफ से सरकार से अलग-अलग मंचों से विशेष सत्र की मांग की गई है. इस मांग पर सुले ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकी हमले के बाद विशेष सत्र की मांग करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि देश को एकजुटता का संदेश देना चाहिए.
सुप्रिया सुले ने कहा कि कांग्रेस ने उनसे संपर्क किया था लेकिन उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए बाद में इस पर चर्चा करने की सलाह दी. सुले ने स्पष्ट किया कि मानसून सत्र में सरकार से सवाल जरूर पूछे जाएंगे.
सुप्रिया सुले ने और क्या कहा?
एनसीपी सांसद ने कहा कि जब मैं प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के रूप में विदेश में थी, तब कांग्रेस ने मुझसे संपर्क किया था. मैंने कहा कि मैं उनके साथ नहीं जा सकती क्योंकि मैं बाहर हूं और उनसे कहा कि जब तक सभी प्रतिनिधिमंडल वापस नहीं आ जाते, तब तक प्रतीक्षा करें. मैंने उनसे कहा कि चलो बैठक करते हैं और मेरे लौटने के बाद निर्णय लेते हैं, लेकिन यह मेरे लौटने से पहले ही हो गया. इसलिए मैं प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर साइन नहीं कर सकी.
इस सप्ताह की शुरुआत में, कांग्रेस के नेतृत्व में 16 विपक्षी दलों ने मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसमें कहा गया था कि “आतंकवादी हमले, पुंछ, उरी और राजौरी में नागरिकों की हत्या, युद्धविराम की घोषणाओं और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में देश के सामने गंभीर सवाल हैं.
यह तुच्छ राजनीति करने का समय नहीं- सुले
विपक्ष ने पत्र में कहा कि हमने भारत की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बातचीत करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है. सरकार ने विदेशी देशों और मीडिया को जानकारी दी है, लेकिन संसद को नहीं. भारत के लोगों और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों को अंधेरे में रखते हुए. एनसीपी (एसपी) ने पत्र पर साइन नहीं किए हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या यही कारण है कि उनकी पार्टी ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए, सुले ने कहा, “बिल्कुल यही कारण है. आपको तथ्यात्मक स्थिति को समझना होगा. मैं बाहर थी. (शरद) पवार साहब ने पहले ही बयान दिया था कि जब तक पूरा ऑपरेशन खत्म नहीं हो जाता, एनसीपी सरकार के साथ खड़ी रहेगी. हम सरकार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहेंगे. यह तुच्छ राजनीति करने का समय नहीं है.
राकांपा सांसद ने कहा कि यह भारत के व्यापक हित का मुद्दा है. इसलिए देश पहले आता है, फिर राज्य, फिर पार्टी और फिर परिवार” सुले ने कहा कि देश पहले आता है और भारत को दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि हम किसी भी आतंकी हमले के खिलाफ एकजुट हैं. एक जीवंत लोकतंत्र में, हर मुद्दे पर बहस होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए सही समय होना चाहिए.
कांग्रेस कर रही थी संसद के विशेष सत्र की मांग
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही कांग्रेस सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही थी. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी पीएम मोदी को चिट्टी लिखकर विशेष सत्र की मांग की थी. कांग्रेस ने इस मांग के पीछे का कारण देश को वास्तविक स्थिति से अवगत कराना और सांसदों के सवालों के सही जवाब मिलना बताया था. हालांकि इस पर सरकार की तरफ से कोई भी रिएक्शन सामने नहीं आया. इस बीच संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है.