पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा: ‘मुन्नाभाई’ अब नहीं बचेंगे, रद्द होगी उम्मीदवारी, प्रतीक्षा सूची वालों की लगेगी लॉटरी!

भोपाल। पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में अपनी जगह साल्वर (मुन्नाभाई) बैठाने वाले अभ्यर्थियों की कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) में उम्मीदवारी जल्द ही निरस्त की जाएगी। ईएसबी और पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के बीच इस संबंध में बातचीत हुई है।

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मामले में अभी तक नौ जिलों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि उम्मीदवारी रद किए जाने के बाद इनकी जगह प्रतीक्षा सूची से उम्मीदवारों को लिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्ट्या फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई की गई है।

उधर, मामले को लेकर शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में आइजी कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह ने बताया कि साल्वरों से पूछताछ से नई जानकारियां सामने आने की आशा है। एक साल्वर बिहार व एक दिल्ली का भी है। दो आधार केंद्र संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया है।

जो अभ्यर्थी ज्वाइन करने नहीं आ रहे हैं वे भी नहीं बच पाएंगे। उनसे भी पूछताछ की जाएगी। इस परीक्षा में 6423 अभ्यर्थी सफल हुए थे, इनमें लगभग 3500 ही अभी तक ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे हैं। ज्वाइनिंग की तारीख आगे भी बढ़ाई जा सकती है। परीक्षा में 1333 महिलाओं का भी चयन हुआ था, पर फर्जीवाड़े कोई महिला अभ्यर्थी शामिल नहीं है।

कुछ अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा के पूर्व अपने आधार कार्ड का बायोमैट्रिक संशोधन करा अपने नाम के साथ साल्वर का बायोमैट्रिक जुड़वाया। लिखित परीक्षा के ठीक बाद अभ्यर्थी ने फिर बायोमैट्रिक अपडेट कराया, जिससे वह खुद शारीरिक दक्षता परीक्षा में बैठ सके। ज्वाइनिंग के पहले अभ्यर्थियों की सहमति से बायोमैट्रिक अपडेशन की हिस्ट्री निकाली गई।

बार-बार इसे अपडेट कराने वालों को संदेह के घेरे में लिया गया। इनके हस्ताक्षर नूमना, हस्तलिपि, फिंगर प्रिंट लिए गए। परीक्षा के दौरान इनके द्वारा फिंगर प्रिंट, हस्तलिपि के सैंपल के आधार पर जांच कराई गई। परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों की वास्तविक लोकेशन भी पता कराई गई। इसमें भिन्नता पाए जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

कहां कितनी एफआईआर हुईं

मुरैना में सात, शिवपुरी में छह, श्योपुर में दो, इंदौर, दतिया, ग्वालियर, आलीराजपुर, राजगढ़ तथा शहडोल में एक-एक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। इसमें एक जिले में एक एफआईआर में दो प्रकरण हैं।

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