लखीमपुर खीरी: जिओ ट्यूब परियोजना में चार करोड़ खर्च फिर भी बाबापुरवा गांव संकट में…

लखीमपुर खीरी: जसनगर गांव को बचाने के लिए जिओ ट्यूब परियोजना का काम अंतिम चरण में है. यह परियोजना अगर कौडियाला घाट तक बनी परियोजना में जोड़ दी जाती तो जसनगर के साथ ही बाबापुरवा गांव भी सुरक्षित हो जाता, लेकिन जिम्मेदारों ने ऐसा नहीं किया. ऐसे में बाबापुरवा गांव संकट आ सकता है. ग्रामीणों ने बाढ़ से सुरक्षा के लिए जसनगर परियोजना को कौडियाला से जुड़वाने की मांग विधायक से की है.

Advertisement

तिकुनिया क्षेत्र के गांव बाढ़ प्रभावित हैं. मुहाना नदी हर वर्ष आसपास के गांवों में कहर बरपाती है. इसमें लोगों को काफी नुकसान होता है. मुहाना नदी के कटान से जसनगर गांव को बचाने के लिए क्षेत्रीय विधायक शशांक वर्मा के प्रयासों से चार करोड़ की लागत से 1600 मीटर की परियोजना को स्वीकृत मिली। इन दिनों अंतिम चरण में काम जीरो प्वाइंट पर चल रहा है.

यहां खास यह है कि जसनगर को कौडियाला घाट तक परियोजना में नहीं जोड़ा गया है, करीब 400 मीटर भाग खाली छोड़ दिया गया। मोहाना नदी में आने वाली प्रचंड बाढ़ इस खाली स्थान से बाबापुरवा गांव में घुस सकती है. ग्रामीणों ने खाली भाग को भी परियोजना में शामिल कराने के लिए विधायक शशांक वर्मा से की मांग की है.

ग्रामीण बोले- अबकी बाढ़ आई तो बाबापुरवा गांव व लोक निर्माण विभाग की रोड भी आ जाएगी चपेट में

बाबापुरवा गांव के पूर्व प्रधान राजाराम, राम लखन, कमलेश, रामकिशोर, धनीराम, रामनरेश, रामगोपाल अवस्थी, शिवराम, रमेश शंकर, दीनानाथ, श्रीकांत, संतोष साहू आदि ने बताया कि जब जसनगर जिओ ट्यूब परियोजना को स्वीकृति मिली तो लगा कि कौड़ियाला घाट को भी इससे जोड़ा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 400 मीटर का हिस्सा छोड़ दिया गया है, जबकि काम खत्म होने के कगार पर है. इससे उनके गांव को खतरा है. अगर इस बार भी बाढ़ आती है तो 500 मीटर एरिया से होकर बाबापुरवा गांव व लोक निर्माण विभाग की रोड चपेट में आ सकती है. इससे वह लोग काफी दहशत में हैं.

अवर अभियंता, सिंचाई विभाग के नितिन यादव ने बताया जसनगर जिओ ट्यूब परियोजना जहां तक मंजूर हुई है. वहां तक काम कराया जा रहा है. छूटा वाला भाग सर्वे में शामिल नहीं था.

Advertisements