उत्तर प्रदेश के बहराइच के कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के मूर्तिहा रेंज में जंगल के बीच स्थित लक्कड़शाह, भंवरशाह, चमनशाह और शहंशाह मजार को वन विभाग ने बुलडोजर से हटवा दिया. डीएफओ बी. शिवशंकर ने बताया कि बेदखली की नोटिस दी गई थी. मजारें बाघ बाहुल्य स्थान पर स्थित थी. मजार के जिम्मेदार सिर्फ 1986 का एक कागज दे सके लेकिन 1986 से पहले ये जमीन किसकी थी, इस संबंध में कुछ भी बता नहीं सके. जिसके बाद सुनवाई कर कार्रवाई की गई है.
मामले में वन विभाग की तरफ से देर रात आधा दर्जन से अधिक बुलडोजर चलाकर लक्कड़ शाह, भंवर शाह, चमन शाह एवं शहंशाह की दरगाह के नाम पर किये गए अतिक्रमण को जमीदोंज कर दिया गया है। डीएफओ ने बताया कि अतिक्रमण का मामला काफी दिनों से न्यायालय में चल रहा था जिसमें वन विभाग के पक्ष में फैसला आया था जिसके बाद से अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर स्वत: अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी जब अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो देर रात बुलडोजर की कार्रवाई करके चारों मजारों को ध्वस्त कर दिया गया. मजारों के मलबे को भी तेजी से हटाया जा रहा है.
आपको बता दें कि लक्कड़ शाह बाबा के नाम पर मुर्तिहा जंगल के बीच बड़ी दरगाह बनाई गई थी जिस पर जेठ माह में हर वर्ष मेला भी लगता था. हालांकि इस बार वन विभाग ने मेले को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया था और अब कार्रवाई करते हुए सभी दरगाहों को ध्वस्त कर दिया गया है. डीएफओ का कहना है कि यह सेंचुरी इलाका है कोर जोन इलाका होने की वजह से यहां पर संरक्षित जीव जंतुओं का ठिकाना रहता है जिसकी वजह से मजार को हटाया गया है.