पुलिस पूछताछ में यह सामने आया कि सोनम रघुवंशी बनारस के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थी। इसके लिए पूरी योजना बनाकर काम कर रही थी।
सोनम अपनी इसी योजना के तहत शिलांग से उत्तर प्रदेश पहुंची थी। यहां कुछ दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर रुकी। इसी बीच प्रेमी राज कुशवाहा सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी मिली तो वह ढ़ाबे पर पहुंची और भाई को उत्तर प्रदेश में होने की सूचना दी।
यह भी पता चला है कि सोनम ने प्रेमी राज से वादी किया था कि वह चाहे विधवा हो जाए, लेकिन इसके बाद भी राज से शादी करेगी। सोनम ने ही राज के दोस्तों को 5000 रुपए में राजा की हत्या की सुपारी दी थी।
मेघालय के लोगों ने सोनम के परिवार से की माफी की मांग
इस बीच, शिलांग स्थित सिविल सोसाइटी समूह सीओएमएसओ ने सोनम रघुवंशी के परिवार से माफी की मांग की है। सोनम को उनके पति राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। समूह ने आरोप लगाया कि उन्होंने मेघालय के लोगों को बदनाम किया और पर्यटन पर निर्भर राज्य की छवि को धूमिल करने की कोशिश की।
मेघालय सामाजिक संगठनों के परिसंघ (सीओएमएसओ) के अध्यक्ष राय कुपर सिनरेम ने आरोप लगाया कि सोनम के परिवार ने एक व्यक्तिगत त्रासदी का राजनीतिकरण करने और देश भर में मेघालय विरोधी भावनाएं पैदा करने के लिए सुनियोजित प्रयास किए।
उन्होंने इनर लाइन परमिट (आइएलपी) प्रणाली की मांग को भी दोहराया, जिसमें कहा गया कि इससे राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों पर नजर रखने और पर्यटकों के आने-जाने में मदद मिलेगी, जिससे अधिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
राज्य के लोगों की छवि खराब करने के प्रयासों पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए सिनरेम ने कहा कि इनर लाइन परमिट (आइएलपी) केवल एक नियामक तंत्र नहीं है, बल्कि एक ऐसा ढांचा है, जो पिछले कुछ हफ्तों में हमारे राज्य में फैली अराजकता, भ्रम और बदनामी को रोक सकता था। सिनरेम ने निराधार आरोप लगाने और सरकार और मेघालय के समुदायों की गरिमा को सार्वजनिक रूप से बदनाम करने के लिए सोनम के परिवार की आलोचना की है।