यूपी के बलिया में सरकारी कार्यालय के अंदर कुछ ऐसा देखने को मिला जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है. जी हां यह सरकारी कार्यालय वरिष्ठ कोषाधिकारी का है और इस कार्यालय में सरकारी कुर्सी पर बैठे वरिष्ठ कोषाधिकारी आनंद दुबे है.
आपको बता दे की आनंद दुबे जिले के कोषागार विभाग में वर्षिठ कोषाधिकारी है स्वभाव से मृदुल और मिलनसार होने के साथ ही अपनी संस्कृरी से काफी प्रेम है. आनंद जी को संगीत काफी पंसद है. जब-जब मौका मिलता है तब तब सांस्कृतिक कार्यक्रमों का न केवल आयोजन करते है बल्कि बढ़-चढ़ कर भाग भी लेते है.
लेकिन जो तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं यह सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाने से कम नहीं है दरअसल अपनी ड्यूटी पर तैनात सरकारी कार्यालय के कुर्सी पर बैठे आनंद दुबे सायद भूल गए कि हम जहां बैठे हैं वह सरकार का सरकारी कार्यालय है और उनके कंधे पर पूरे विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है.
वरिष्ठ कोषाधिकारी आनंद दुबे ने अपने सरकारी कार्यालय को सांस्कृतिक मंच का अखाड़ा बना दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है बताया जा रहा कि घण्टो अपनी ड्यूटी को ताख पर रख कर वरिष्ठ कोषाधिकारी भजन-कीर्तन और संगीत व कविता का आनंद लेते नज़र आये इस दौरान कुछ कर्मचारी कार्यालय से जुड़ी फाइलें लाते और निराश होकर जाते दिखे लेकिन वरिष्ठ कोषाधिकारी सरकारी कुर्सी पर मनोरंजन करते दिखे। इस दौरान पेंशनर के अलावा संगीत से जुड़े गायक, गायिका, बाल संगीतकार और कवि भी शामिल थे इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े भी लोग इस सरकारी कार्यालय में सांस्कृतिक अखाड़े का हिस्सा बने.
वरिष्ठ कोषाधिकारी के कार्यालय से वायरल हुआ यह वीडियो चर्चा में है।कहा जा रहा है कि कोषाधिकारी निश्चित ही एक सरल स्वभाव के व्यक्ति है लेकिन सरकारी कार्यालय में ड्यूटी के दौरान अपनी ड्यूटी से बेखबर होकर कार्यालय को मनोरंजन का मंच बनाना कही से भी उचित नही है। कुछ लोगों का कहना है कि आनंद जी अपने विभाग के सबसे बड़े अधिकारी है उनके ऊपर विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन सरकारी कार्यालय के सरकारी कुर्सी पर बैठ कर मनोरंजन करना गलत संदेश दे रहा है. वही कुछ लोगो ने कहा कि सरकारी कार्यालय के मर्यादा के खिलाफ है.
इस प्रकार के कार्यक्रम के लिए कोषागार विभाग का परिसर काफी बड़ा है और पेंशनर हॉल बी बनाया गया है इसके अलावा गंगा बहुद्देशीय सभागार और कलेक्ट्रेट सभागार भी है जहां सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है बल्कि करोड़ो रूपये की लागत से गंगा बहुद्देशीय साभार ऐसे ही कार्यक्रमो के लिए बनाया गया है. बावजूद सरकारी कार्यालय में घण्टो तक अपने सरकारी कार्यो को ताख पर रख कर सरकारी कार्यालय के मर्यदा के साथ खिलवाड़ है जो कही से भी उचित नही है.