भीलवाड़ा में अवैध खनन ने ली दो मजदूरों की जान, मिट्टी धंसने से मौत…प्रशासन पर उठे सवाल

भीलवाड़ा: जिले के हनुमान नगर थाना क्षेत्र के लुहारी कला पंचायत अंतर्गत शिवनगर गांव के पास मंगलवार दोपहर अवैध खनन के दौरान एक भयावह हादसा हो गया. अवैध रूप से संचालित एक खदान में मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान किशन जोगी और मुकेश जोगी के रूप में हुई है, जो आपस में साले-बहनोई थे. इस हादसे ने दो बहनों को विधवा कर दिया और मासूम बच्चों से उनके पिता का साया छीन लिया.

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8 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, ट्रैक्टर से निकाले गए शव

प्रत्यक्षदर्शी राजू जोगी, जो स्वयं भी खदान में काम करता है, ने बताया कि वह किसी काम से गांव गया हुआ था. लौटने पर देखा कि मिट्टी धंसी हुई है और उसके दोनों दामाद लापता हैं. दोपहर 1:30 बजे ठेकेदार को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस को यह सूचना शाम 4 बजे मिली. रेस्क्यू ऑपरेशन में एलएनटी मशीन की मदद से लगातार खुदाई होती रही, लेकिन बार-बार मिट्टी गिरने से कार्य में बाधा आती रही. खदान की चौड़ाई कम और गहराई अधिक होने से बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. आखिरकार, रात 9 बजे मुकेश और 9:30 बजे किशन का शव बरामद किया गया.

 

एक ही दिन उजड़ा दो बहनों का सुहाग, बेसहारा हुए बच्चे

किशन जोगी, जिनकी शादी वर्ष 2008 में सीता से हुई थी, अपने पीछे दो बेटे और एक माह की बेटी छोड़ गए हैं. वहीं, मुकेश की शादी दो वर्ष पूर्व माया से हुई थी. दोनों ही खदान में मजदूरी करते थे और परिवार का सहारा थे. अब ये दोनों परिवार अंधकार में डूब गए हैं, और सवाल यह है कि जिम्मेदार कौन है?

मौत के कुएं बन चुकी हैं अवैध माइंस, प्रशासन मौन

जहाजपुर क्षेत्र के लुहारी कला, टीकड़, मायला पोल्या, इटुंदा जैसे गांवों में दर्जनों अवैध माइंस बिना किसी रोकटोक के संचालित हो रही हैं. इनमें न तो किसी प्रकार की सुरक्षा है और न ही कोई वैधता. स्लेट स्टोन और क्वार्ट्ज पत्थर की ये खदानें मानक नियमों की खुली धज्जियां उड़ा रही हैं, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है.

प्रशासन मौके पर मौजूद, लेकिन कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल बरकरार

घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम राजकेश मीणा, डीएसपी नरेंद्र पारीक, तहसीलदार रवि कुमार मीणा सहित प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल मौके पर पहुंचा. शवों को पोस्टमार्टम के लिए देवली के राजकीय चिकित्सालय भेजा गया है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन केवल घटनाओं के बाद मौके पर पहुंचने तक ही सीमित रहेगा? आखिर कब तक निर्दोष जानें यूं ही जाती रहेंगी?

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