श्योपुर : पुलिस पर दबंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगे है.मामले की शिकायत दंपति ने विजयपुर एसडीओपी राघवेंद्र सिंह तोमर से की है.आवेदन में दंपति ने बताया कि जमीनी विवाद के चलते दबंगों ने हमारे साथ जमकर मारपीट कर दी.मामले की शिकायत लेकर अगरा थाने में पहुंचे तो पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की.10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया है।मामला श्योपुर जिले की अगरा थाना क्षेत्र के लारदेह गांव का मामला है.
दंपति बोले 10 दिन पहले अगरा थाने में दबंगों की शिकायत दर्ज कराई
लारदेह गांव निवासी दंपति हसीना पत्नी संतोष और उसका पति संतोष पुत्र गाजी आदिवासी ने विजयपुर के एसडीओपी राघवेंद्र सिंह तोमर को आवेदन देकर पीड़िता हसीना आदिवासी ने आरोप लगाए कि आज से करीब 10 दिन पहले दिनांक 1-06-25 को शाम के समय करीब 4 बजे लारदेह गांव निवासी दबंगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया.जब वह इसका विरोध करते है तो दबंग उनको जान से मारने की धमकी देते है.
जब हम खेत पर थे तभी गांव के दो दबंग खेत पर आ गए और बोले कि इस जमीन पर हम मकान का निर्माण कराएंगे.उन्होंने दबंगों से कहा कि इस जमीन को दादा परदादा के जमाने से करते आ रहे है. दबंगों ने एक न सुनी और मेरे पति संतोष के साथ मारपीट कर दी.जब मैने विरोध किया तो दबंगों ने मेरा हाथ पकड़ लिया. और मेरे साथ बेरहमी से मारपीट कर दी.जब मेरे पति संतोष ने विरोध(बीच-बचाव)किया तो मेरे पति के साथ बेरहमी से मारपीट कर बहा से भाग गए.
थाने में शिकायत लेकर पहुंचे थाना प्रभारी ने भगाया
पीड़िता हसीना आदिवासी ने आरोप लगाते हुए कहा कि दबंगों के खिलाफ आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई. परंतु अगरा थाना प्रभारी ने हमारी एक बात न सुनी और हमे थाने से भगा दिया. थाने में शिकायत करने पहुंचे तभी दबंग दंपति के घर पहुंचे और कहां कि अगर थाने में किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराई तो बह जान से मार देंगे और गांव से बाहर निकाल देंगे.
न्याय के लिए दंपति लगा रहे पुलिस से लेकर अधिकारियों की गुहार
पीड़ित दंपति हसीना आदिवासी और उसका पति संतोष आदिवासी न्याय के लिए गुहार लगा रहा है. भयभीत दंपति जान माल की सुरक्षा के लिए उच्च अधिकारियों से ध्यान आकृष्ट करवाते हुए मीडिया के समक्ष अपने दर्द को बयां कर रहे है. कानून को ठेंगा दिखाते हुए उक्त जमीन पर दबंग निमार्ण कराने की बात कह रहे है. मना करने पर जानमाल की धमकी दे रहे है. बहरहाल क्या है पूरे मामले की सच्चाई यह जांच का विषय है. अगर ऐसे ही पुलिस की घोर लापरवाही से विवाद बढ़ता रहा तो कोई बड़ी अनहोनी होने से नकारा नहीं जा सकता.
जमीनी विवाद में पुलिस को राजस्व विभाग से राय लेकर मामले को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए
अगर कही जमीनी विवाद है.तो पुलिस को राजस्व के संबंधित अधिकारियों से चर्चा करनी चाहिए और पूरे मामले को समझना चाहिए. हो सकता है जमीनी विवाद के कुछ मामले संबंधित राजस्व अधिकारियों से सलाह लेकर भी खत्म हो सकते है.और मामले की सच्चाई उजागर होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकतीं है.इसके अलावा निर्दोष को उस मामले में न्याय मिल सकता है.
एसडीओपी बोले आवेदन आया है जांच के बाद कुछ कहना संभव होगा
एक दबंग पक्ष आदिवासियों को लेकर घूम रहा है. दूसरे दबंगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराना चाहता है.दूसरा दबंग पक्ष भी आदिवासियों को लेकर घूम रहा है.जब तक घटना की तस्दीक नहीं हो उस मामले में कार्रवाई तुरंत इसीलिए नहीं की गई. रिपोर्ट को लेकर विश्वनीयता पर संदेह है.