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मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन, 25 दिन बाद भी सूना पड़ा है चाचा नेहरू अस्पताल – आखिर क्यों?

शहर के शासकीय अस्पतालों में जनप्रतिनिधियों से लोकार्पण करवाकर वाहवाही तो लूट ली जाती है, लेकिन इसके बाद मरीजों को समय पर सुविधा नहीं मिल पाती है। चाचा नेहरू अस्पताल के कायाकल्प के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इसका लोकार्पण करवाया, लेकिन 25 दिन के बाद भी यह खाली नजर आ रहा है। अभी तक यहां बच्चों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।

आईसीयू यूनिट, वार्ड के दरवाजों पर ताला

अस्पताल में बने नए आईसीयू यूनिट, वार्ड के दरवाजों पर ताला लगा हुआ है। यहां सिर्फ ओपीडी ही संचालित हो रही है। यहां आने वाले बच्चों को इलाज के लिए सुपर स्पेशिएलिटी, एमवाय अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन इसका कारण ड्रेनेज का कार्य पूरा नहीं होना बता रहा हैं।

डॉक्टरों का जवाब- जल्द शुरू हो जाएगा

मरीजों के स्वजन ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि अब आधुनिक अस्पताल में हमें इलाज की सुविधा मिलेगी, लेकिन अभी यह शुरू ही नहीं हो पाया है। जब हम डॉक्टरों से सवाल करते हैं तो वह यहीं कहते हैं जल्द शुरू हो जाएगा।

जनसहयोग से हुआ है अस्पताल का कायाकल्प

बता दें कि चाचा नेहरू अस्पताल का कायाकल्प कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर जनभागीदारी और जनसहयोग से किया जा रहा है। आठ करोड़ रूपये की लागत से दो चरणों में कायाकल्प किया जा रहा हैं। यह राशि सामाजिक संगठनों, दानदाताओं, क्रेडाई इंदौर और सीएसआर फंड्स के माध्यम से एकत्र की गई है। इसके प्रथम चरण का कार्य मई में पुरा किया जा चुका हैं। 16 मई को इसका लोकार्पण हुआ था।

बच्चों के अनुकूल वातावरण बनाने की कोशिश

अस्पताल में वार्ड, पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू), हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू), सीवियर मालन्यूट्रीशन ट्रीटमेंट यूनिट (एसएमटीयू), एक्स रे कक्ष , माड्यूलर किचन, फाउलर बेड्स एवं गुणवत्ता पूर्ण शौचालय बनाए गए हैं। जिससे बच्चों के उपचार के दौरान अनुकूल वातावरण बनाने में मदद होगी। लेकिन अभी तक अस्पताल में बच्चे ही भर्ती नहीं होने लगे है।

एमजीएम के कई प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद नहीं हुए शुरू

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के कई ऐसे प्रोजेक्ट है, जो तैयार होने के बाद अब तक शुरू नहीं हो पाएं है। एमवाय अस्पताल का ओटी कांपलेक्स लंबे समय से बनकर तैयार है, लेकिन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि इसमें अभी दीवारों से हो रहे पानी रिसाव को बंद किया जा रहा है। वहीं कैंसर अस्पताल के तलघर का कायाकल्प किया गया है। लेकिन आठ माह भी इसे शुरू करने में जिम्मेदार दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इन प्रोजेक्ट के समय पर शुरू नहीं होने का खामियाजा अस्पताल में आने वाले गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भुगतना पड़ता है।

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