राजस्थान: 12 साल पुराने हत्या के मामले में फैसला: पत्नी की हत्या के दोषी पति को मिली ये सजा!

राजस्थान के कुचामन सिटी में गुरुवार को 12 साल पुराने बहुचर्चित हत्या मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुन्दर लाल खारोल ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है । अपनी पत्नी कविता की हत्या के आरोपी पति मनोज कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और ₹2 लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

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क्या था मामला:

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30 जून 2013 को परिवादी रतनसिंह ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि उसकी बेटी कविता की शादी मनोज कुमार (निवासी सुलखानिया छोटा, चूरू) से की गई थी। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज के लिए कविता को प्रताड़ित किया जा रहा था। उसी दिन रतनसिंह को सूचना मिली कि कविता की मृत्यु हो गई है। जब वह अस्पताल पहुंचा, तो देखा कि कविता की गर्दन पर दो गहरे घाव थे। आरोप है कि पति मनोज ने ही उसकी हत्या की.

अनुसंधान व सुनवाई:

कुचामन वृत्त की चितावा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान किया और मनोज के खिलाफ धारा 498A, 304B, व 302 के तहत आरोपपत्र दायर किया। मामले की सुनवाई कुचामन सिटी सेशन कोर्ट में चली, जहां अभियोजन पक्ष ने 21 गवाहों के बयान और 39 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए.

न्यायालय की टिप्पणी:

न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने अपने निर्णय में कहा कि विवाह के बाद महिला अपने ससुराल और पति पर पूर्ण विश्वास करती है। ऐसे में पति द्वारा विश्वासघात करते हुए पत्नी की नृशंस हत्या करना अत्यंत जघन्य अपराध है, जो समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर देता है। मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मनीष कुमार शर्मा एवं अधिवक्ता श्यामसुंदर चौहान ने प्रभावशाली पैरवी की। मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाधिकारी लीलाराम को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया था, जिन्होंने हर पेशी पर सक्रिय भागीदारी निभाई.

यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का कार्य करता है, बल्कि समाज में एक सशक्त संदेश भी देता है कि स्त्री के सम्मान और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिलेगी.

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