मध्य प्रदेश: श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान सितंबर 2025 में फॉरेस्ट रिट्रीट फेस्टिवल का आयोजन करने जा रहा है. यह आयोजन 17 सितंबर को ‘चीतों की वापसी’ परियोजना (Cheetah Project) के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में किया जाएगा. इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीतों को लेकर जागरूकता बढ़ाना और ईको-पर्यटन को प्रोत्साहित करना है.
पर्यटकों के लिए कूनो के ससइपुरा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ईको-पर्यटन केंद्र और जंगल लॉज का निर्माण किया जा रहा है. लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु मॉडल पर तैयार किए जा रहे इस लॉज में 8 आरामदायक कमरे होंगे, जहां पर्यटक जंगल की शांति में रहकर चीतों के जीवन को नजदीक से अनुभव कर सकेंगे.
चीतों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंदसौर स्थित गांधी सागर क्षेत्र को भी एक नए ईको-पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है. यह स्थल कूनो की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिससे दोनों स्थान मिलकर एक संयुक्त वन्य पर्यटन नेटवर्क की रचना करेंगे.
17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो में छोड़ा था. इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए. अब तक भारत में 26 चीता शावकों का जन्म हो चुका है, जिनमें से 19 शावक अभी जीवित हैं और 6 चीते खुले जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं. इन उपलब्धियों के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान देश का प्रमुख चीता ब्रीडिंग सेंटर बनकर उभर रहा है.