अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट AI171 की दुर्घटना ने सैकड़ों जिंदगियों को झकझोर कर रख दिया है. इस हादसे का एक मार्मिक और भावुक दृश्य सामने आया है डॉ. अनिल के परिवार से जुड़ा, जो उसी हॉस्टल कैंपस में रहते थे जहां विमान हादसे ने तबाही मचाई. डॉ. अनिल और उनकी पत्नी, दोनों डॉक्टर हैं और घटना के समय ड्यूटी पर तैनात थे, लेकिन उनकी नन्हीं बेटी और घरेलू सहायिका (मेड) घर में मौजूद थे और हादसे की चपेट में आ गए. एक तरह बेटी और मेड का अस्पताल में इलाज चल रहा है तो दूसरी ओर प्रशासन ने उनसे हॉस्टल को खाली खरने का फरमान सुना दिया है. प्रशासन की फरमान सूनने के बाद डॉ अनिल ने मीडिया के सामने अपनी पीड़ा बयां की है.
मेरी बच्ची अभी भर्ती है, प्लीज थोड़ा वक्त दीजिए…
एक तरफ उनकी बेटी और मेड अस्पताल में जीवन की जंग लड़ रही है तो दूसरी ओर अनिल पूरी तत्परता से डॉक्टर होने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और लगातार ड्यूटी कर रहे हैं ताकि विमान हादसे में घायलों को किसी भी तरह से बचाया जा सके. दर्द में डूबे डॉ अनिल की आवाज में सिर्फ एक अपील है कि मेरी बच्ची अभी भर्ती है, प्लीज थोड़ा वक्त दीजिए… लेकिन प्रशासन अब उनसे घर खाली करने की बात कर रहा है क्योंकि क्रैश साइट को साफ करने और फॉरेंसिक जांच के लिए पूरी बिल्डिंग को खाली किया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. अनिल की बेटी गंभीर रूप से घायल हुई थी और उसे नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. साथ में मेड का भी इलाज चल रहा है. क्रैश साइट पर मौजूद डॉ अनिल का कहना है कि वो हाथ जोड़कर निवेदन कर रहे हैं, उन्हें दो-तीन दिन का समय दिया जाए. जिस समय उन्हें बेटी के साथ रहना चाहिए पर वो लोगों की मदद कर रहे हैं. मेरी अपील है कि हमें हॉस्टल को खाली करने के लिए दो-तीन का समय दिया जाए. मेरे साथ यहां कोई नहीं है. ऐसे में हॉस्टल को खाली करना असंभव है. आप लोग मेरे मैसेज को ऊपर तक पहुंचाएं. थोड़ी तो इंसानियत रखो.
टेकऑफ के तुरंत बाद हादसे का शिकार हुआ विमान
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 गुरुवार को टेक ऑफ के कुछ ही देर बाद बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे अब तक 275 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भीषण घटनाओं में से एक बन गया है. फ्लाइट AI171 दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई थी.
पायलट ने किया था मेडे कॉल
टेकऑफ के महज 30 सेकंड बाद पायलट ने ‘मेडे कॉल’ (आपातकालीन संदेश) दिया, लेकिन तुरंत बाद संपर्क टूट गया. विमान सीधे जाकर बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकराया और भयंकर आग लग गई. विमान में कुल 242 लोग सवार थे जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और स्टाफ भी हादसे की चपेट में आए हैं.